नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वर्ष 2004-14 के बीच यूपीए की सरकार ने भारत के आर्थिक विकास की संभावना को बर्बाद कर दिया और भारत को वित्तीय रूप से पांच कमजोर देशों में शामिल करा दिया।
बुधवार को एक्स पर किए गए पोस्ट में सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए काल में भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़े लगभग सभी क्षेत्रों की अनदेखी की गई या इनका प्रबंधन ठीक से नहीं किया गया। इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े सड़क, रेलवे, बिजली जैसे सेक्टर के विकास की अनदेखी करने के साथ लंबे समय में भारत के विकास को लेकर कोई नीति नहीं बनाई गई।
सीतारमण ने अपने पोस्ट में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की तरफ से वर्ष 2014 में जारी एक पेपर के हवाले से कहा कि यूपीए काल में नीतिगत अनिश्चितता, परियोजनाओं की मंजूरी में देरी और सप्लाई में बाधा की वजह से निवेश की गति धीमी हो गई। रेलवे के पुल निर्माण से जुड़े काम के आवंटन में औसतन 43 माह लगते थे।
कुल खर्च में इंफ्रा की हिस्सेदारी में तेजी से गिरावट हुई
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में रेलवे के पूंजीगत व्यय के लिए 2.43 लाख करोड़ का आवंटन किया गया जो वर्ष 2004-05 की तुलना में 30 गुना तो वर्ष 2013-14 की तुलना में आठ गुना अधिक है। उन्होंने बताया कि यूपीए के कार्यकाल में कुल खर्च में इंफ्रा की हिस्सेदारी में तेजी से गिरावट हुई। वर्ष 2003-04 में कुल खर्च में इंफ्रा की हिस्सेदारी 23 प्रतिशत थी जो वर्ष 2005-14 के दौरान औसतन 12 प्रतिशत रह गई। वहीं, एनडीए के काल में कुल खर्च में इंफ्रा खर्च की हिस्सेदारी 12 प्रतिशत से बढ़कर 21 प्रतिशत हो गई।