बहुत से लोगों के जेहन में एक लाजमी सवाल आएगा कि आखिर I am Not Robot वाले बॉक्स को टिक करना क्यों जरूरी होता है। दरअसल ऐसा सिस्टम को यह बताने के लिए होता है कि सामने वाला व्यक्ति इंसान है रोबॉट नहीं। इसको रिकैप्चा के तौर पर समझ सकते हैं। यह बिहेवियर ट्रैकिंग कैप्चा टेस्ट के आधार पर काम करता है।

 जब भी आप किसी वेबसाइट पर विजिट करते होंगे तो कई चीजें नोटिस करते होंगे। जैसे कि यूआरएल के आगे ताले का निशान आ रहा है या नहीं। वेबसाइट की सिक्योरिटी और भी बहुत कुछ जो लगभग हर यूजर चेक करता है। इन्हीं में एक चीज है जो हर किसी को तंग करती है वह I am Not Robot वाला चेकबॉक्स।

लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आखिर ये क्यों होता है और इसको बिना टिक किए आगे क्यों नहीं बढ़ा जा सकता है। इस खबर में इसी कन्फ्यूजन को दूर करने वाले हैं।

क्यों जरूरी है I am Not Robot का बॉक्स

बहुत से लोगों के जेहन में एक लाजमी सवाल आएगा कि आखिर इस बॉक्स को टिक करना क्यों जरूरी होता है। दरअसल, ऐसा सिस्टम को यह बताने के लिए होता है कि सामने वाला व्यक्ति इंसान है रोबॉट नहीं। इसको रिकैप्चा के तौर पर समझ सकते हैं। यह बिहेवियर ट्रैकिंग कैप्चा टेस्ट के आधार पर काम करता है।

चेक बॉक्स में क्लिक करने के बाद इसे यूजर के बिहेवियर के बारे में पता चल जाता है। पहले के समय पर कैप्चा फिल करके ही आगे बढ़ जाते थे। लेकिन स्कैमर्स ने इसका जुगाड़ निकाला और कंप्यूटर सिस्टम से ही कैप्चा फिल करने लगे। लेकिन I am Not Robot वाले बॉक्स पर क्लिक करना कंप्यूटर सिस्टम के लिए बहुत मुश्किल काम है।

क्यों आया ये सिस्टम

अब सवाल है कि जब कैप्चा से ही काम चल जाता था तो फिर i Am not Robot वाले चेकबॉक्स की जरूरत है। दरअसल 2000 का दौर था और इस समय लोग याहू का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता था। लेकिन स्कैमर्स ने बॉट्स के जरिये स्कैम करना शुरू कर दिया।

जिस तंग आकर i Am not Robot वाले चेकबॉक्स की जरूरत पड़ी। क्योंकि बॉट भले ही कुछ भी कर सकता हो तो लेकिन, उसके लिए इस चेकबॉक्स पर टिक करना बहुत मुश्किल काम है। जब इस काम को किया गया तो इस होने वाले स्कैम की संख्या में भी बहुत कमी आई थी।