राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने हाल ही में दिये एक इंटरव्यू में बड़े खुलासे किये है .सचिन पायलट ने 2018 में खुद को मुख्यमंत्री ना बनाने जैसे कई मुद्दों पर अपनी बात रखी .उन्होने खुद मुख्यमंत्री ना बनाने के सवाल पर कहा कि वो निर्णय पार्टी का था और आज में यह कहना चाहूंगा कि, वो फैसला भी पार्टी ने मुझसे राय मशवरे के बाद लिया था. उन्होंने कहा, जो किस्मत में होता है मिलता है, जो नहीं होता नहीं मिलता'.
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से 'तल्ख' रिश्तों का पिछले विधानसभा चुनाव के परिणाम पर प्रभाव पड़ने के सवाल पर पायलट ने कहा कि, 2013 के विधानसभा चुनाव में जब हम हारे थे तो हमारी 21 सीटें आईं थीं. लेकिन 2023 के चुनाव में जब हम हारे हैं तो हम 71 सीटें जीते हैं. हम जब भी हारते थे 20-21 या 50 तक सिमट जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. भले ही हम सरकार रिपीट नहीं करवा पाए हों. लेकिन हमने अच्छी फाइट दी. हमने सबने मिल कर चुनाव लड़ा.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले राजस्थान में पर्यवेक्षकों के कांग्रेस विधायक दल की बैठक न होने के बारे में पायलट ने कहा कि, यह दुर्भाग्यपूर्ण था. ऐसा कभी नहीं हुआ. मुझे लगता है मीटिंग हो जानी चाहिए थी. गहलोत पर फ़ोन टैपिंग के मामले पर पायलट ने कहा कि, राजनीति में ऐसा चलता रहता है, इन बातों का कोई अंत नहीं.राजस्थान में लोकसभा चुनाव पर बात करते हुए पायलट ने कहा, जो ऊपर जाता है वो नीचे भी आता है. राजस्थान में 10 साल से सभी सांसद भाजपा के चुने गए. लेकिन वो राजस्थान के लिए कोई बड़ा काम नहीं कर पाए. राजस्थन में 4 महीने पहले बनी भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रदेश में कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाई, हम इस बार राजस्थान में भाजपा से अच्छा प्रदर्शन करेंगे