वर्ल्ड अर्थ डे हर साल 22 अप्रैल को इस मकसद के साथ मनाया जाता है कि इस दिन लोगों को वातावरण और जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूक किया जा सके। इसलिए इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बताने वाले हैं (Tips to save environment) जिन्हें अपने रोज के जीवन में अपनाकर आप पर्यावरण को बचाने में अपना योगदान दे सकते हैं।
बिजली का कम इस्तेमाल
दिन के समय अपने घर की खिड़की और बालकनी के दरवाजे खोलकर रख सकते हैं, जिससे सूरज की रोशनी घर में आएगी और घर में उजाला फैलेगा। इससे आपको लाइट बल्ब जलाने की जरूरत नहीं होगी। सूरज की रोशनी घर में आने से आपको अच्छा भी महसूस होगा, क्योंकि इससे आपको विटामिन-डी मिलेगा और आपका मूड भी बेहतर रहेगा। बिजली बचाने का यह अच्छा उपाय हो सकता है। इसके अलावा, आप चाहें तो दिन के समय अपना कुछ काम अपनी बालकनी या घर के बरामदे में भी कर सकते हैं। बाहर की रोशनी के कारण आपको काम करने में दिक्कत भी नहीं होगी और बिजली की बचत भी होगी।
ऑर्गेनिक चीजों का इस्तेमाल करें
हमारे घर में ऐसी कई चीजें पाई जाती हैं, जिन्हें बदलकर आप उनकी जगह ऑर्गेनिक चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे प्लास्टिक के डिब्बों की जगह स्टील या कांच के डिब्बों का इस्तेमाल किया जा सकता है। जूट बैग का इस्तेमाल कर सकते हैं, ऑर्गेनिक और इको-फ्रेंडली बेडशीट और गद्दे ले सकते हैं, केमिकल फर्टिलाइजर की जगह घर पर कंपोस्ट बना सकते हैं, प्लास्टिक के गमलों की जगह मिट्टी के गमलों का इस्तेमाल कर सकते हैं, प्लास्टिक के डेकोरेटिव पीसेज के बदले वुडन या सेरेमाइड से बनी चीजों का इस्तेमाल करके घर को सजा सकते हैं।
फास्ट फैशन से बचें
अक्सर सोशल मीडिया की चका-चौंध देखकर हम भूल कर बैठते हैं कि हमें हमेशा ट्रेंडी कपड़े पहनने हैं और एक कपड़े को पहनकर दोबारा फोटो पोस्ट नहीं कर सकते। इसके कारण लोग अक्सर एक कपड़े को कुछ समय तक पहनकर हटा देते हैं और नए कपड़े खरीदते हैं, ताकि वे फैशन ट्रेंड को फॉलो कर सकें। यह आपके सोशल मीडिया के लिए अच्छा हो सकता है, लेकिन इसकी वजह से वातावरण को काफी नुकसान पहुंचता है। इसलिए हमेशा सोच-समझकर कपड़े खरीदें और उनका सही तरीके से इस्तेमाल करें। अपने कम इस्तेमाल में आने वाले कपड़ों को आप थ्रिफटिंग के लिए दे सकते हैं या डोनेट कर सकते हैं, जिससे वे किसी और के काम आ सकें।
ऑर्गेनिक फूड खाएं
ऑर्गेनिक फार्मिंग से उगाए गए फूड्स या डेयरी प्रोडक्ट्स को ऑर्गेनिक फूड कहा जाता है। ये मिट्टी और पानी के प्रदूषण को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही, इको-फ्रेंडली तरीके से उगाए जाने की वजह से इनमें हानिकारक फर्टिलाइजर नहीं होते, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। इनके छिलकों या बचे हुए खाने से आप कम्पोस्टिंग भी कर सकते हैं, जिससे आपको नेचुरल खाद मिल सकती है।