अगर आप भी कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करते हैं तो आपने ध्यान दिया होगा कि इनकी वजह से फ्लाइट के दौरान आंखों में परेशानी होती है। इस वजह से आंखों में दर्द इरिटेशन या इन्फेक्शन का खतरा भी रहता है। इसलिए हम इस आर्टिकल में बताने वाले हैं कि ऐसा क्यों होता है और कैसे अपनी आंखों का ख्याल रख सकते हैं।

कहीं भी घूमने जाने से पहले कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है और अगर सफर फ्लाइट से करना हो, तब तो और भी कई सावधानियां बरतनी पड़ती है। जो लोग अक्सर एयर ट्रैवल करते हैं उनके लिए फ्लाइट से जुड़ी समस्याएं लेग स्पेस और पसंदीदी सीट न मिलना हो सकता है, लेकिन कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करने वाले लोगों की परेशानियां यहीं खत्म नहीं होती है। लेंस लगाने की वजह से फ्लाइट में आंखों में काफी परेशानी होती है और इस बात से वे पूरी तरह वे इस बात से सहमत भी होंगे।

लेकिन ऐसा क्यों होता है? क्यों फ्लाइट के दौरान कॉन्टेक्ट लेंस परेशानी का कारण बन सकते हैं और कैसे इस परेशानियों से बचा जा सकता है। इन्हीं कुछ सवालों के जवाब आज हम इस आर्टिकल में देने वाले हैं। आइए जानते हैं, कैसे फ्लाइट के दौरान अपनी आंखों को आराम दे सकते हैं।

क्यों हो सकती है आंखों में दिक्कत?

फ्लाइट के दौरान हम जमीन से काफी ऊंचाई पर होते हैं, जिसकी वजह से ह्यूमिडिटी और एयर प्रेशर में काफी बदलाव होता है। इन दोनों कारकों की वजह से आंखों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। दरअसल, हवाई जहाज के केबिन में ह्यूमिडिटी का लेवल काफी कम होता है, जिसके कारण आंखों में ड्राईनेस की समस्या होने लगती है। यह समस्या कॉन्टेक्ट लेंस लगाने वालों के लिए और परेशान करने वाली हो सकती है। इस वजह से आंखों में नमी कम होने लगती है और लेंस चुभने लगते हैं।

आंखें ड्राई होने की वजह से इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके अलावा, फ्लाइट में लेंस बदलने या उतारने के लिए सही हाइजिन भी नहीं मिलता, जिसकी वजह से भी इन्फेक्शन हो सकता है। इतना ही नहीं, प्रेशर में बदलाव की वजह से भी आंखों में परेशानी होती है। जैसे-जैसे हवाई जहाज ऊपर जाने लगता है, आंखों और साइनस पर दबाव बढ़ता है, जिसके कारण भी कॉन्टेक्ट लेंस लगाने से आंखों में दर्द या इरिटेशन का एहसास हो सकता है।

कैसे फ्लाइट के दौरान रख सकते हैं अपनी आंखों का ख्याल?

  • अगर आप कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करते हैं, तो जितना हो सके, उतना कम समय लेंस लगाएं। अगर आपका काम लेंस के बिना नहीं चल सकता, तो इनके बदले चश्मे का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे आपकी आंखों में स्ट्रेन भी नहीं आएगा और लेंस के कारण होने वाली दिक्कत भी कम होगी।
  • गंदे हाथों से अपनी आंखों को न छुएं। साथ ही, लेंस लगाते या उतारते समय भी पहले हाथ धोएं। फ्लाइट में मौजूद किटाणु या दूसरे व्यक्ति से भी जर्म्स आपके हाथों में लग सकते हैं, जो आंखों में जाकर नुकसान पहुंचाते हैं। इसके अलावा, अपने साथ कॉन्टेक्ट लेंस सॉल्यूशन कैरी करें, ताकि लेंस को साफ कर सकें।
  • फ्लाइट के दौरान खुद को हाइड्रेटेड रखें। ह्यूमिडिटी की कमी की वजह से ड्राईनेस हो सकती है। ऐसे में शरीर में पानी की कमी परेशानी को और बढ़ा सकती है। इसलिए पानी या नींबू पानी जैसी ड्रिंक्स समय-समय पर पीते रहें, ताकि हाइड्रेटेड रहें।
  • फ्लाइट पर ज्यादा समय तक फोन या लैपटॉप में न देखें। एयर प्रेशर बढ़ने की वजह से आंखों पर स्ट्रेन आता है।
  • इसलिए थोड़े-थोड़े समय पर अपनी आंखों को आराम दें। कुछ समय के लिए आंख बंद करके बैठना फायदेमंद हो सकता है।
  • एयर पोर्ट जाते समय सन ग्लासेज लगाएं, ताकि धूप की वजह से आंखों को परेशानी न हो। फ्लाइट में भी एंटी-ग्लेयर चश्में लगा सकते हैं, ताकि केबिन की लाइट से आंखों को दिक्कत न हो।