चीन और ताइवान के बीच जारी तनाव के बीच विदेश मंत्रालय (External Affairs Ministry) ने ड्रैगन को नसीहत देते हुए कहा कि ताइवान की मौजूदा स्थिति में किसी भी एकतरफा बदलाव का भारत विरोध करता है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम संयम बरतने और यथास्थिति को बदलने के लिए एकतरफा कार्रवाई से बचने की सलाह देते हैं. साथ ही तनाव कम करने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता (Peace and stability) बनाए रखने की अपील करते हैं. विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि बाकी देशों की तरह, भारत भी हाल के घटनाक्रम से चिंतित है.

पलोसी की यात्रा से बौखलाया चीन

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत की नीतियां पहले से ही साफ हैं और उन्हें दोहराने की जरूरत नहीं है. अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पलोसी की ताइवान यात्रा के बाद से चीन बौखलाया हुआ है और इसके बाद बीजिंग ने ताइवान पर कब्जा करने की धमकी देते हुए बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास करना शुरू कर दिया है. ताइवान के पास एक सप्ताह से ज्यादा की लॉन्चिंग के बाद, चीन ने बुधवार को ऐलान किया है कि उसने द्वीप पर अपना सैन्य अभ्यास खत्म कर लिया है.

इसके अलावा भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ अजहर को संयुक्त राष्ट्र में ब्लैक लिस्ट में डालने पर अड़ंगा डालने के लिए चीन की आलोचना की है. प्रस्ताव पर चीन की ओर से रोक लगाने को विदेश मंत्रालय ने खेदजनक और गैर जरूरी करार देते हुए कहा कि वह ऐसे आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में लाने की कोशिश आगे भी जारी रखेगा. अरिंदम बागची ने कहा, 'हमें इस बात का खेद है कि अब्दुल रऊफ अजहर को ब्लैक लिस्ट में डाले जाने के प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगाई गई है.'

ऊफ को लेकर लगाई फटकार

उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक लड़ाई की बात आती है तब अंतरराष्ट्रीय समुदाय एक सुर में बोलने में असमर्थ होता है. बागची ने कहा कि कि जैसा कि आप सभी जानते हैं कि अब्दुल रऊफ 1998 में इंडियन एयरलाइन्स के विमान आईसी 814 के अपहरण, 2001 में संसद पर हमले, 2014 में कठुआ में भारतीय सेना के कैंप पर आतंकी हमले और 2016 में पठानकोट एयरबेस को निशाना बनाने समेत भारत में अनेक आतंकी हमलों की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने में शामिल रहा है.बागची ने कहा कि रऊफ पहले ही भारत और अमेरिका के कानून के तहत वॉन्टेड घोषित है और ऐसे आतंकवादी को लेकर रोक लगाना गैर जरूरी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंध से जुड़ी व्यवस्था 1267 सहित, ऐसे आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने के अपने रुख को आगे बढ़ाना जारी रखेगा. उन्होंने इस मुद्दे पर न्यूयार्क में भारत की स्थायी प्रतिनिधि की ओर से 9 अगस्त को दिये गए बयान का भी जिक्र किया.

आतंकी के साथ ड्रैगन!

चीन ने बुधवार को रऊफ का नाम ब्लैक लिस्ट में डालने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत और अमेरिका के समर्थन वाले संयुक्त प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगा दी थी. सुरक्षा परिषद के अन्य सभी 14 सदस्य देशों ने इस कदम का समर्थन किया था. यह दो महीने से भी कम समय में दूसरा मौका है, जब चीन ने UNSC की प्रतिबंध समिति के तहत पाकिस्तानी आतंकी को ब्लैक लिस्ट में डालने के अमेरिका और भारत के प्रस्ताव को बाधित किया है.