देशभर में कई बच्चे इस समय बेसब्री से अपने एग्जाम रिजल्ट्स का इंतजार कर रहे हैं। आज जहां यूपी बोर्ड के 10वीं-12वीं का रिजल्ट (UP Board 10th-12th Result 2024) जारी होने वाला है तो वहीं आने वाले दिनों में अन्य बोर्ड के रिजल्ट भी जारी किए जाएंगे। ऐसे में अकसर बच्चे रिजल्ट के डर से एंग्जायटी का शिकार हो जाते है। ये टिप्स इससे निपटने में मददगार होंगे।
एग्जाम के दौरान तो भी लगभग हर बच्चा स्ट्रेस और एंग्जायटी का शिकार होता है, लेकिन रिजल्ट को लेकर भी कई बच्चों में मन में डर और स्ट्रेस बना रहता है। अकसर रिजल्ट आने पहले स्टूडेंट्स के मन के कई सवाल आते रहते हैं, जिसकी वजह से वह एंग्जायटी और स्ट्रेस का शिकार हो जाते हैं। अगर आपके आसपास भी कोई बच्चा अपने एग्जाम रिजल्ट को लेकर परेशान हैं, तो आप इन टिप्स के जरिए उनकी मदद कर सकते हैं।
बच्चों के साथ खुला संचार करें
चिंता छात्रों में अजीब व्यवहार का कारण बन सकती है, जिसे समझ पाना अकसर मुश्किल होता है। ऐसे में एग्जाम रिजल्ट आने से पहले अपने बच्चों से खुलकर और ईमानदार होकर बातचीत करें। उन्हें शांत करते हुए यह समझाएं कि एग्जाम रिजल्ट उनकी योग्यता या भविष्य की सफलता को तय नहीं करते हैं। साथ ही उन्हें सकारात्मक रहने में मदद करें।
तुलना करने से बचें
अकसर रिजल्ट आने पर बच्चे या फिर खुद पेरेंट्स बच्चों की तुलना दूसरों से करने लगते हैं। हालांकि, ऐसा करने से सिर्फ चिंता और आत्म-संदेह को बढ़ावा मिलता है। हर बच्चे की अपनी अलग ताकत और कमजोरियां होती हैं। इसलिए अपने बच्चों की तुलना न करते हुए उनके निरंतर सुधार पर ध्यान दें, और उन्हें पिछली गलतियों से सीखकर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें।
दैनिक दिनचर्या बनाए रखें और सक्रिय रहें
सक्रिय रहकर दैनिक दिनचर्या बनाए रखने से तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है। परीक्षा परिणाम की चिंता को मैनेज करने के लिए, बच्चों को संतुलित आहार दें और व्यायाम या कोई ऐसी एक्टविटी करने को कहें, जो उन्हें पसंद हो। इससे एंडोर्फिन रिलीज होगा, जो मूड में सुधार करते हैं।
नकारात्मक विचारों को कम करें
माता-पिता और शिक्षक बच्चों को तनाव से निपटने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी उनके नकारात्मक विचारों को कम करना है। उनके नकारात्मक विचारों को सकारात्मक से बदलकर ऐसी मानसिकता विकसित करें, जो उपलब्धियों और सुधार दोनों को स्वीकार करे।
मदद लें
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अकसर पेरेंट्स के पास ज्यादा समय नहीं होता। ऐसे में अपने बच्चों को एग्जास रिजल्ट की एंग्जायटी से बचाने के लिए आप मदद ले सकते हैं। बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर रिजल्ट के प्रभाव से निपटने के लिए एक्सपर्ट की मदद लेना एक महत्वपूर्ण कदम है।