नई दिल्ली। दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान से 13 घंटे पूछताछ की। इसके बाद देर रात उन्हें छोड़ दिया गया। पूछताछ के बाद बाहर आकर समाचार एजेंसी एएनआई से उन्होंने कहा कि ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था, सुप्रीम कोर्ट ने भी पेश होने के लिए कहा था। दिन में 11 बजे वह तुगलक रोड स्थित ईडी मुख्यालय पहुंचे थे, उनके बयान दर्ज किए गए हैं।ओखला के विधायक खान पर आरोप है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहने के दौरान उन्होंने बोर्ड में 32 लोगों की अवैध तरीके से नियुक्ति की थी। दिल्ली वक्फ बोर्ड में अनियमितताओं से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह खान की अग्रिम जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था।
शीर्ष अदालत ने उन्हें 18 अप्रैल को जांच में शामिल होने को कहा था। ईडी कार्यालय में प्रवेश करने से पहले मीडिया से बातचीत में खान ने दावा किया कि जब वह वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष थे, उन्होंने नियमों का पालन किया और कानूनी राय लेने के बाद ही 2013 में बोर्ड के लिए आए नए अधिनियम के अनुसार कर्मचारियों की भर्ती थी।
अमानतुल्लाह खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सीबीआई की एफआइआर और दिल्ली पुलिस की तीन शिकायतों से जुड़ा है। ईडी ने इस मामले में पहले विधायक के कार्यालय व घर पर छापा मारा था। जांच एजेंसी का दावा है कि खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती के माध्यम से अपराध की बड़ी रकम नकद में अर्जित की और उसे अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने के लिए निवेश किया।
ईडी ने एक बयान में आरोप लगाया था कि वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती हुई और खान की अध्यक्षता (2018-2022) के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे पर देकर अवैध लाभ कमाया गया। ईडी ने कहा कि खान ने इन आपराधिक गतिविधियों से नकद में बड़ी रकम अर्जित की और उक्त नकद राशि को अपने सहयोगियों के नाम पर दिल्ली में विभिन्न अचल संपत्तियों की खरीद में निवेश किया।