Chagas Disease एक गंभीर बीमारी है जो साइलेंट किलर बन जान ले सकती है। यह ट्रिपैनोसोमा क्रूजी नाम के एक छोटे पैरासाइट के कारण होने वाला संक्रमण है। यह बीमारी ट्रायटोमाइन बग नाम के संक्रमित कीड़ों के काटने से होती है जिन्हें किंसिग बग्स भी कहा जाता है क्योंकि वे अक्सर मुंह के आसपास काटते हैं। आइए जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी सभी जरूरी बातें।
दुनियाभर में कई तरह की बीमारियां लोगों को अपना शिकार बनाती रहती हैं। शागस डिजीज (Chagas Disease) इन्हीं में से एक है, जो एक खतरनाक बीमारी है, जिसके प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल अप्रैल में वर्ल्ड शागस डे (World Chagas Day 2024) मनाया जाता है। WHO के मुताबिक यह बीमारी ज्यादातर लैटिन अमेरिका में गरीब लोगों को प्रभावित करती है, लेकिन यह अन्य जगहों पर भी पाई जाने लगी है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में जानेंगे इस बीमारी से जुड़ी सभी जरूरी बातों के बारे में-
शागस डिजीज क्या है?
शागस डिजीज ट्रिपैनोसोमा क्रूजी नामक एक छोटे पैरासाइट के कारण होने वाला संक्रमण है। इसका नाम ब्राजील के एक डॉक्टर कार्लोस शागस के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने साल इसे 1909 में खोजा था। यह बीमारी लोगों को ट्रायटोमाइन बग नामक संक्रमित कीड़ों के काटने से होती है, जिन्हें "किंसिग बग्स" के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि वे अक्सर मुंह के आसपास काटते हैं।
ये कीड़े आमतौर पर रात में निकलते हैं और खून पीते हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह बीमारी ब्लड ट्रांसफ्यूजन, ऑर्गन ट्रांसप्लांट या दूषित खाने और पानी पीने से भी फैल सकती है।
हर साल हजारों लोगों की होती है मौत
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक इसे "साइलेंट और साइलेंस्ड डिजीज" भी कहा जाता है, क्योंकि जिन लोगों को यह बीमारी होती है, उनमें से अधिकांश में कोई लक्षण नहीं होते हैं या अगर होते हैं, तो बहुत हल्के लक्षण होते हैं। WHO के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 6 से 7 मिलियन लोगों को शागस डिजीज है। हर साल इससे करीब 10,000 लोगों की मौत हो जाती है।
शागस डिजीज के लक्षण
बात करें इसके बीमारी के लक्षणों की, तो जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने शागस डिजीज के मुख्य लक्षणों को सूचीबद्ध किया है, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी है कि इसे अन्य बीमारियों से अलग पहचानना मुश्किल हो सकता है। इसके कुछ लक्षण निम्न हैं:-
- हल्के फ्लू जैसे लक्षण (बुखार, थकान, शरीर में दर्द और सिरदर्द)
- रैश
- भूख में कमी
- दस्त
- उल्टी होना
- आंख के पास या जहां काटा गया हो, सूजन या घाव
- एंलार्ज्ड ग्लैंड्स
शागस डिजीज के स्टेजेज
यह बीमारी दो चरणों में बढ़ती है, जिसमें एक्यूट और क्रॉनिक शामिल हैं। शुरुआती चरण यानी एक्यूट स्टेज के दौरान, लक्षण या तो हल्के होते हैं या तो बिल्कुल भी नजर नहीं आते हैं, जिससे इसका निदान चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
वहीं, क्रॉनिक स्टेज में संक्रमण के कई वर्षों या दशकों बाद भी लक्षण नजर आ सकते हैं। इस चरण के दौरान,पैरासाइट पीड़ित के दिल की मांसपेशियों में प्रवेश करता है, जिसके परिणामस्वरूप अनियमित दिल की धड़कन और खाने या मल त्याग में कठिनाई हो सकती है।