अगर आप भी हर थोड़ी देर में बातें भूल जाते हैं तो इस चीज़ को हंसी-मजाक या छोटी-मोटी समस्या समझकर इग्नोर करने की गलती न करें क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ ये और गंभीर होती जाती है। भूलने की समस्या के पीछे नींद की कमी निष्क्रिय जीवनशैली के साथ और भी कई चीज़ें जिम्मेदार हो सकती हैं। जिसके बारे में आज हम जानेंगे।

 दिनभर मोबाइल, टीवी देखने, किसी तरह की कोई फिजिकल एक्टिविटी न करने और पूरी नींद न लेने से सिर्फ शरीर में ही नहीं, बल्कि दिमाग में भी जंग लगने लगता है। लंबे समय तक इन आदतों में सुधार के बारे में नहीं सोचा, तो इससे मोटापा, डायबिटीज, पीठ दर्द के साथ याददाश्त भी प्रभावित हो सकती है। ये आदतें आपकी सोचने-समझने की क्षमता पर भी असर डाल सकती हैं। हालांकि इसमें सबसे बड़ा रोल नींद की कमी है। जब आपको पर्याप्त नींद नहीं मिलती, तो आपका दिमाग सही ढंग से काम नहीं कर पाता जिससे याददाश्त संबंधी समस्याएं होने की आशंका बढ़ जाती है, तो अगर आप अपने दिमाग को बढ़ती उम्र में भी रखना चाहते हैं दुरुस्त, तो जितना जल्द हो सके छोड़ दें ये आदतें।

अनहेल्दी डाइट

सिर्फ जुबान को अच्छा लगने वाले खाना न खाएं, बल्कि खानपान में उन चीज़ों को शामिल करें, जो आपके पेट के लिए अच्छी हों। प्रोसेस्ड व जंक फूड्स, बहुत ज्यादा मीठी चीज़ें व ड्रिंक, मोटापा बढ़ाने वाली ऐसी ही दूसरी चीज़ों को डाइट से कट करना बहुत जरूरी है। शरीर के साथ ये दिमाग को भी नुकसान पहुंचाते हैं और याददाश्त को प्रभावित करते हैं।  

आलसी जीवनशैली

शरीर और मन का आपस में बहुत गहरा कनेक्शन है। अगर आपकी दिनचर्या में किसी भी तरह की कोई फिजिकल एक्टिविटी शामिल नहीं है, तो इसका नेगेटिव असर आपकी ओवरऑल हेल्थ पर पड़ता है। इससे याददाश्त भी कमजोर होने लगती है।

बहुत ज्यादा स्ट्रेस

तनाव भी शरीर को कई तरीकों से प्रभावित करता है। छोटी-छोटी बातों पर बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेने की आदत से हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत हो सकती है, जो आपकी हार्ट के लिए बिल्कुल भी सही नहीं। इसके अलावा स्ट्रेस से मूड चिड़चिड़ा रहता है, बात-बात पर गुस्सा आता है और याददाश्त कमजोर होने जैसी शिकायतें भी देखने को मिलती हैं।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें किसी पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।