उत्तर प्रदेश लखनऊ में,डीजीपी ने जारी किया गाइडलाइन।मालूम होकि लखनऊ में,अस्वस्थ या नशे के आदी किसी पुलिसकर्मी से अगर स्कॉर्ट या गार्ड ड्यूटी कराई गई तो,डिप्टी एसपी, पुलिस लाइंस और प्रतिसार निरीक्षक (आरआई) जिम्मेदार होंगे। डीजीपी प्रशांत कुमार ने इस बाबत मातहतों को आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र गार्ड ड्यूटी अत्यंत महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील होती है। इसमें कोई भी लापरवाही घातक हो सकती है। डीजीपी द्वारा जारी निर्देश में,कहा गया कि बीते दिनों कुछ ऐसे प्रकरण सामने आए हैं,जहां महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील स्थलों पर लगाई गयी सुरक्षा गार्ड/स्कॉर्ट ड्यूटी में,तैनात कर्मियों की अनुशासनहीनता एवं असंतुलित व्यवहार से अप्रिय स्थिति उत्पन्न हुई। ऐसी घटनाओं से पुलिस की छवि धूमिल होती है।वहीं रक्षक के भक्षक हो जाने से जनता में,असुरक्षा की भावना पनपती है।उन्होंने निर्देश दिया कि मानसिक रूप से परेशान किसी भी पुलिसकर्मी को अन्य पुलिसकर्मियों के साथ शस्त्र सहित ड्यूटी न लगाई जाए। तथा बंदियों के साथ भी ड्यूटी लगाने में, सतर्कता बरती जाए। ड्यूटी पर लगाने से पहले आरआई द्वारा गार्ड/स्कॉर्ट की संख्या, उनकी मानसिक स्थिति, व्यक्तिगत एवं सामूहिक समस्या आदि पता कर ली जाए। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि ड्यूटी करने वाला पुलिसकर्मी नशे का आदी न हो। यदि कोई कर्मी अस्वस्थ या किसी अन्य कारण से परेशान है तो उसे ड्यूटी से हटाकर उसकी समस्या का निराकरण कराया जाए।