जनपद आजमगढ़ के थाना मेहनगर में,भतीजा संग गिरफ्तार पत्नी की हत्या कर शव जलाने के आरोप में।सूत्रों से जानकारी के मुताबिक जनपद आजमगढ़ के थाना मेहनगर पुलिस ने पत्नी की हत्या कर शव जलाने के आरोप में, पति को उसके भतीजे के साथ गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी के निशानदेही पर मृतका के सिर के बाल व टूटी चुड़ी, घटना के समय पति द्वारा पहनी गयी, शर्ट भी बरामद कर लिया है। पुलिस के अनुसार, मेंहनाजपुर थाना क्षेत्र के नोनीपुर उर्फ नई कोट ने स्थानीय थाने पर, तहरीर दिया कि मेरी लड़की आशा देवी की शादी पहले सुरेश पुत्र रामलखन पुत्र लढ्ढेपुर थाना केराकत के साथ हुई थी। उसकी दो पुत्रिया खुशबू तथा रिंकू पैदा हुई। इसके बाद वहां से आशा का विवाह विच्छेद हो गया, तब करीब 12 वर्ष पहले मेरी पुत्री आशा की दूसरी शादी कैलाश पुत्र रामधारी नि0 सिधारी थाना मेंहनगर के साथ हुई। दोनों पुत्रिया अपने ननिहाल में, रहती है। कैलाश की भी पहली पत्नी से 03 लड़के पहले से थे। जिसका नाम रविकुमार, डी-एम (संन्दीप) व टाइगर है। कैलाश पल्हना ब्लाक में, सफाई कर्मी हैं। मेरी लड़की आशा के नाम पर लोन लिया था। फिर लेने के लिए, दबाव बना रहा था। विरोध करने पर हत्या का शव जला दिया। इस सूचना पर पुलिस ने कैलाश पुत्र रामधारी, अर्जुन पुत्र सुबाष, डीएम उर्फ सन्दीप पुत्र कैलाश, टाईगर पुत्र कैलाश, नन्दलाल पुत्र श्यामलाल, सूबेदार पुत्र श्यामलाल व विजयी पुत्र सभाजीत के खिलाफ संबंधित धाराओं में, मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की। शुक्रवार को प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार सिंह ने आरोपी पति कैलाश राम व भतीजा अर्जुन को पल्हना चौराहा के पास से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में, आरोपी पति ने बताया मेरी चौथी पत्नी मृतका आशा अपने पहले पति की पुत्री खुशबू की शादी के लिए। बार-बार मेरे ऊपर दबाव बना रही थी, जबकि उसकी लड़की का। चाल-चलन ठीक नहीं था, और मेरे द्वारा पूछे जाने पर वह सही ढंग से, जवाब न देकर मुझसे लड़ाई झगड़ा करने लगती थी। घटना के दिन भी वह मुझसे इसी बात को लेकर किचन में, झगड़ा करने लगी। जिसपर मुझे काफी गुस्सा आ गया। और मैने उसके सिर के बालों को पकड़कर उसका सिर किचन के प्लेटफार्म से टकरा दिया। जिससे उसके सिर में चोट आ गयी, और उसकी मृत्यु हो गयी। इसके बाद अपने लड़कों डीएम व टाइगर तथा भतीजे अर्जुन को साथ लेकर गाँव के जितेन्द्र राजभर को अपनी पत्नी के बीमार होने की बात बताकर इलाज कराने हेतु आजमगढ़ ले जाने की बात कहकर गाँव के नन्दलाल, सुबेदार व विजय को साथ लेकर मैं, अपनी मित्र कपिलदेव के बताने पर रात में, सीधे राजघाट आजमगढ़ जाकर अपनी पत्नी को जला दिया। और जितेन्द्र के साथ वहाँ से अपनी गाड़ी लेकर भाग गया।