नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में सभी 'वीवीपैट' पर्चियों की गिनती का अनुरोध करने वाली याचिका पर सोमवार को निर्वाचन आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। इस समय वीवीपीएटी पर्चियों के माध्यम से किसी भी पांच चयनित ईवीएम (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) का सत्यापन किया जाता है।
वोटर वेरिफिएबल पेपर आडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) वोट सत्यापन प्रणाली है जो मतदाता को यह देखने की अनुमति देती है कि उसका वोट उसी उम्मीदवार को गया है या नहीं, जिसे उसने वोट दिया है। वीवीपैट के जरिये मशीन से कागज की पर्ची निकलती है जिसे मतदाता देख सकता है।
आयोग और केंद्र सरकार को जारी किया गया नोटिस
इस पर्ची को एक सीलबंद डिब्बे में रखा जाता है और विवाद की स्थिति में इसे खोला जा सकता है। जस्टिस बीआर. गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने चुनाव में सभी वीवीपैट पर्चियों की गिनती का अनुरोध करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल के वकीलों की दलीलों पर गौर करने के बाद याचिका पर आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। मामले में अगली सुनवाई 17 मई को हो सकती है।