मजबूरी या दिखावे जिस भी वजह से आप अपनी क्षमता से ज्यादा काम कर रहे हैं तो जान लें ये आदत आपकी सेहत के लिए बिल्कुल भी सही नहीं। सेहत के साथ-साथ इससे मेंटल हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ता है। जिसका असर प्रोफेशनल और पर्सनल दोनों लाइफ पर पड़ता है तो इससे कैसे बाहर निकलें जान लें यहां इसके बारे में।

अगर आप अपनी क्षमता से ज्यादा काम करते हैं, तो इससे सेहत, रिलेशनशिप के साथ काम की क्वॉलिटी पर भी असर पड़ता है और तो और इससे मेंटल हेल्थ भी प्रभावित होती है। जहां थकान, कमजोरी, नींद न आना, पीठ, गर्दन, कंधे में दर्द जैसी शारीरिक समस्याएं परेशान कर सकती हैं, तो वहीं दूसरी तरफ आप गुस्सा, चिड़चिड़ापन, एंग्जाइटी जैसी मानसिक परेशानियों का भी शिकार हो सकते हैं। इसलिए शरीर की क्षमता और आवश्यकता को समझें और उसके हिसाब से काम करें।

क्षमता से ज्यादा काम करना हेल्दी, हैप्पी और सक्सेसफुल करियर में बाधा बन सकता है। अपनी लिमिट को जानें। घर हो या ऑफिस हर जगह इस चीज़ का ध्यान रखें। इसे नजरअंदाज करना बना सकता है आपको बीमार।

ऐसे मैनेज करें काम का प्रेशर

1. क्षमताओं और सीमाओं को जानें

अपने टाइम और स्किल के बेसिस पर आंकलन करें कि आप क्या कर सकते हैं और क्या नहीं। इसके बाद ही किसी काम की जिम्मेदारी लें। यहां दिखावा करने की गलती आप पर ही भारी पड़ सकती है। 

2. हर काम करने के लिए हां न कहें

अगर कोई जिम्मेदारी ऐसी है जिसे आप संभाल नहीं सकते, तो उसे विनम्रता से मना कर दें। इससे बेवजह का स्ट्रेस नहीं होगा।

3. प्रियोरिटी सेट करें

ऑफिस हो या घर दिनभर के काम को प्रियोरिटी के हिसाब से पूरा करेंगे, तो कभी भी स्ट्रेस नहीं होगा। सबसे जरूरी काम को सबसे पहले निपटाएं। कम जरूरी काम को बाद में।   

4. टाइम मैनेजमेंट सीखें

समय का सदुपयोग करने के लिए तकनीकों के बारे में जानें और उनका इस्तेमाल करें, जैसे- टू डू लिस्ट बनाना और टाइम सेट करना आदि। इससे बहुत मदद मिलती है अपने काम को जल्दी और सही से पूरा करने में। 

5. ब्रेक लेना है जरूरी

शरीर को काम के बीच रेस्ट देना भी बहुत जरूरी है और ऐसा नहीं है ब्रेक की जरूरत सिर्फ ऑफिस में ही होती है। घरेलू कामों को करने के दौरान भी ब्रेक लेते रहें। इससे बॉडी और माइंड दोनों रिचार्ज होते हैं।