हर थोड़ी देर में बदलते मूड वाले व्यक्ति से बातचीत करना बड़ा ही मुश्किल होता है। कौन सी बात बुरी लग जाए किस बात पर गुस्सा आ जाए इन सबके बारे में सोचते हुए बात करनी पड़ती है। वैसे इस आदत से सिर्फ दूसरे लोग ही परेशान नहीं रहते बल्कि वो खुद भी इससे दुखी रहते हैं तो कैसे करें मूड स्विंग्स को कंट्रोल जान लें यहां।

कभी-कभार मूड स्विंग्स होना आम बात है, इसके लिए नींद पूरी न होना, अनहेल्दी डाइट, खराब तबियत, बहुत ज्यादा भागदौड़ जैसी चीज़ें जिम्मेदार हो सकती हैं। जिसके चलते बहुत ज्यादा गुस्सा आता है, किसी से बात करने का दिल नहीं करता और छोटी-छोटी बातों को लेकर स्ट्रेस होने लगता है। महिलाओं में पीरियड्स, मेनोपॉज और प्रेगनेंसी के दौरान बहुत मूड स्विंग देखने को मिलते हैं। पल-पल बदलते मूड वाले व्यक्ति से बातचीत करने में भी लोग बहुत कतराते हैं। लंबे समय तक इस परेशानी को इग्नोर करने से मानसिक सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता है। मूड स्विंग्स को कंट्रोल करने में यहां दिए गए उपाय साबित हो सकते हैं कारगर।  

मूड स्विंग्स कंट्रोल करने के उपाय

एक्सरसाइज़ से मिलता है फायदा

रोजाना कुछ देर की एक्सरसाइज करने से शरीर के साथ दिमाग भी दुरुस्त रहता है। वॉकिंग, जॉगिंग, स्वीमिंग, साइकिलिंग, योग जो भी पॉसिबल हो, उसे अपने रूटीन में शामिल करें। वर्कआउट करने से बॉडी में हैप्पी हार्मोन्स रिलीज़ होते हैं, जिससे दिमाग रिलैक्स रहता है और मूड स्विंग्स की प्रॉब्लम दूर होती है। 

अच्छे लोगों के साथ बिताएं

इनमें आपके दोस्त, ऑफिस कलीग्स या फिर परिवार का कोई सदस्य भी शामिल हो सकता है। बेसिकली उन लोगों से बातचीत करने के लिए वक्त निकालें, जो आपको नेगेटिविटी से दूर रखते हैं। आपको हंसाने और खुश रखने में मदद करते हैं। इससे उदासी, चिंता, तनाव जैसी चीज़ों से निकलना आसान होता है। 

नींद से न करें समझौता

सोने का वक्त अगर आप मोबाइल और टीवी के साथ बिताते हैं, तो इससे भी बहुत ज्यादा मूड स्विंग्स होते हैं। नींद पूरी न होने से दिनभर थकान, सिरदर्द व पाचन से जुड़ी दिक्कतें परेशान कर सकती हैं, जिस वजह से छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आना, किसी से बात करने का दिल नहीं करना जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। वहीं नींद पूरी करने से बॉडी में सेरोटोनिन हार्मोन बढ़ने लगता है। जो आपको हेल्दी एंड हैप्पी बनाए रखता है। 

सेल्फ केयर पर फोकस करें

कई बार आपकी बॉडी को रेस्ट की जरूरत होती है, लेकिन व्यस्तता और जिम्मेदारियों के आगे आप इस डिमांड को इग्नोर करते रहते हैं, तो इससे भी मूड स्विंग्स हो सकते हैं। अपनी बॉडी की जरूरत को समझें। अगर एनर्जेटिक नहीं फील कर रहे हैं, तो जबरदस्ती काम करने की कोशिश न करें। दिमाग को रिलैक्स करने के लिए उन चीज़ों को वक्त दें, जिन्हें करने से आपको खुशी मिलती है।