यूरोपियन यूनियन (EU) ने बड़ी टेक कंपनियों से वायरल डीपफेक और जेन एआई के संभावित खतरों से निपटने के लिए वे क्या कदम उठा रहे हैं। इसे लेकर जानकारी मांगी है। ईयू 27 देशों का समूह है। उसने ऑनलाइन कंपनियों से जेनरेटिव एआई कंटेंट के क्रिएशन प्रसार और संभावित खतरों को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं इसे लेकर जानकारी मांगी है।

जेनरेटिव आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स (AI) के संभावित जोखिमों को लेकर यूरोपियन यूनियन (EU) के तेवर शुरुआत से सख्त रहे हैं। उसने बड़ी टेक कंपनियों से पूछा है कि वह वायरल डीपफेक और जेन एआई के खतरों से निपटने के लिए क्या कदम उठा रही हैं।

इसके साथ ही उसने एक प्रश्नावली भी भेजी है, जिससे Microsoft Bing, Instagram, Snapchat, YouTube और X (पूर्व में ट्विटर) अपने प्लेटफॉर्म पर जेन एआई के संभावित जोखिमों को रोक रही है।

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म सुरक्षित बनाने की कवायद

यूरोपियन यूनियन 27 देशों का समूह है, जिसने हाल ही में डिजिटल सर्विस एक्ट (डीसीए) लागू किया है। यह ऑनलाइन सर्विस ऑफर करने वाली कंपनियों को रेगुलेट करने के लिए लाया गया है। ताकि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को यूजर्स के लिए सुरक्षित बनाया जा सके। 

ईयू एआई के संभावित खतरों से निपटने के लिए डीसीए और दूसरे मौजूदा नियमों का इस्तेमाल कर रहा है। हालांकि, वह यह साफ कर चुका है कि जल्द ही एआई एक्ट लेकर आने वाला है। ईयू एआई से जुड़े जिन जोखिमों को लेकर चिंतित है, उसमें गलत जानकारी सबसे प्रमुख है।

टेक कंपनियों से मांगी जानकारी?

एपी की खबर के मुताबिक, ईयू ने जेनरेटिव एआई कंटेंट के क्रिएशन और उसके प्रसार को लेकर जानकारी मांगी है। कंपनी से वे इंटरनल डॉक्यूमेंट मांगे गए हैं, जिसमें उन्होंने एआई के संभावित जोखिम और उन्हें कम करने के लिए क्या काम किया है। क्योंकि वे चुनाव के दौरान अवैध कंटेंट के प्रसार, लिंग आधारित वॉलेंस और नाबालिकों की सुरक्षा तक हर चीज पर जेनरेटिव एआई के प्रभाव से निपटते हैं।

ईयू के अधिकारियों का कहना है कि वे जून की शुरुआत में होने वाले यूरोपियन यूनियन के चुनावों की तैयारी के लिए एआई की मदद से तैयार होने वाली गलत सूचनाओं से निपटने के लिए इन प्लेटफॉर्म की तैयारी की जांच कर रहे हैं।