मुसलमानों के लिए रमजान का महीना पाक होता है। इस बार 12 मार्च से इसकी शुरुआत हो रही है। चूंकि इस्लाम धर्म में इस पूरे महीने रोजा रखने की प्रथा है। ऐसे में अगर आप डायबिटीज के पेशेंट हैं तो आपको कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे ऐसी 5 बातें जिनका ख्याल रखकर आप बिना किसी परेशानी के खुदा की इबादत कर सकेंगे।
सहरी में फाइबर का रखें ख्याल
सहरी के वक्त आपको फाइबर से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए। इससे आपको ब्लड शुगर को मेंटेन करने में मदद मिल सकती है। बता दें, फाइबर रिच फूड्स को पचाने में शरीर को समय ज्यादा लगता है, ऐसे में शरीर में ब्लड शुगर लेवल अचानक से नहीं बढ़ता है।
ब्लड शुगर की जांच
रोजे के दौरान सूरज ढलने के बाद शाम को इफ्तार और सुबह सूरज निकलने से पहले सुहूर यानी सहरी के वक्त ही कुछ खाया पिया जा सकता है। ऐसे में ब्लड शुगर ऊपर-नीचे जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप समय-समय पर इसका टेस्ट करते रहें।
दालचीनी से बनी हर्बल टी पिएं
सूरज निकलने से पहले आप दालचीनी से बनी हर्बल टी का सेवन भी कर सकते हैं। बता दें, कि ये इंसुलिन के लेवल को नॉर्मल रखने में काफी मददगार साबित होती है, कई शोध में भी इस बात की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा ये बार-बार भूख लगने में भी कमी ला सकती है।
फिजिकली एक्टिव रहें
आप डायबिटीज के मरीज हैं, और रोजा रखने जा रहे हैं, तो यह जान लीजिए कि आपको फिजिकली एक्टिव रहना भी बेहद जरूरी है। कमजोरी महसूस होने पर आप कुछ योगासन भी ट्राई कर सकते हैं, जैसे- धनुरासन, बालासन और मंडुकासन। इससे जुड़ी विस्तृत जानकारी आपको इंटरनेट पर आसानी से मिल जाएगी।
भरपूर नींद लें
अगर डायबिटीज के मरीज हैं, तो रोजे के दिनों में आपको किसी भी सूरत में नींद से समझौता नहीं करना चाहिए। ऐसा करना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। बच्चे हों या बड़े, रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद सभी को लेनी चाहिए। इससे आपका डाइजेशन तो बढ़िया रहेगा ही, साथ ही आप अपने ब्लड शुगर को भी काबू में रख पाएंगे।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।