इन दिनों हमारी लाइफस्टाइल तेजी से बदल रही है। ऐसे में काम का प्रेशर गलत खानपान और नींद का बिगड़ता पैटर्न कई समस्याओं की वजह बन सकता है। माइग्रेन (Migraine) इन्हीं समस्याओं में से एक है जो सिर में होने वाले तेज दर्द है जिससे हमारे रोजमर्रा के काम काफी प्रभावित होते हैं। ऐसे में आप कुछ टिप्स अपनाकर इसके असहनीय दर्द से राहत पा सकते हैं।
क्या है माइग्रेन?
माइग्रेन एक गंभीर सिरदर्द है, जो आपके सिर के एक तरफ को प्रभावित करते हुए सिर दर्द का कारण बनता है। माइग्रेन का सिरदर्द आमतौर पर कम से कम चार घंटे तक रहता है, लेकिन यह कई दिनों तक भी रह सकता है। यह सिरदर्द निम्न चीजों से और भी बदतर हो जाता है:-
- शारीरिक गतिविधि
- चमकदार रोशनी
- तेज शोर
- तेज गंध
माइग्रेन से बचने के लिए कुछ उपाय-
पूरी नींद लें
अधूरी नींद या स्लीप पैटर्न में गड़बड़ी भी माइग्रेन को ट्रिगर कर सकती है। इसलिए हर दिन एक ही समय पर सोने और एक ही समय पर जागने का लक्ष्य रखें।
कोल्ड कंप्रेसेस
माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिए सिर या गर्दन के हिस्से पर ठंडा सेक लगाना फायदेमंद होगा। इस उपाय से माइग्रेन से जुड़े दर्द को सुन्न करने और सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है। एक ठंडे पैक को तौलिये में लपेटें और इसे प्रभावित क्षेत्र पर एक बार में 15-20 मिनट के लिए लगाएं।
स्ट्रेस मैनेज करें
तनाव माइग्रेन का एक सामान्य कारण है। ऐसे में इसे मैनेज कर आप आपको माइग्रेन से राहत मिल सकती है। तनाव के स्तर को कम करने और माइग्रेन को रोकने के लिए डीप ब्रीथिंग, मेडिकेशन या योग जैसी एक्सरसाइज की मदद ले सकते हैं।
हाइड्रेटेड रहना
डिहाइड्रेशन कुछ लोगों में माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है। ऐसे में हाइड्रेटेड रहने और माइग्रेन के अटैक की संभावना को कम करने के लिए पूरे दिन खूब पानी पिएं।
सही पॉइश्चर
शरीर का गलत पॉइश्चर भी सिरदर्द और माइग्रेन में योगदान कर सकता है। ऐसे में गर्दन और कंधों पर तनाव कम करने के लिए बैठते, खड़े और चलते समय सही मुद्रा बनाए रखें।
स्क्रीन टाइम सीमित करें
बहुत ज्यादा स्क्रीन टाइम, खासकर स्मार्टफोन और कंप्यूटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइज आंखों पर दबाव डाल सकते हैं और माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। ऐसे में अपनी आंखों को आराम देने और स्क्रीन पर बिताए जाने वाले समय को कम करने के लिए नियमित ब्रेक लें।
एक्यूप्रेशर
एक्यूप्रेशर भी माइग्रेन के पेन से राहत पाने का एक बढ़िया उपाय है। इसमें दर्द कम करने के लिए शरीर के प्वाइंट्स पर दबाव डाला जाता है। अंगूठे और तर्जनी के बीच के प्वाइंट पर दबाव बनाने से माइग्रेन के लक्षणों से राहत नहीं मिल सकती है।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।