कमर दर्द की समस्या से आज-कल कई लोग परेशान रहते हैं। इसका कारण है गलत पोस्चर में देर तक बैठना और एक्सरसाइज न करना। इन वजहों से अक्सर लोग कम उम्र में ही कमर दर्द का शिकार हो जाते हैं। इस परेशानी को दूर करने में योग आपकी मदद कर सकता है। जानें कुछ ऐसे योगासन जिन्हें रोज करने से कमर दर्द हो जाएगा गायब।
इसके अतरिक्त मांसपेशियों की कमजोरी, पर्याप्त पोषण का आभाव, वजन की अधिकता, अधिक समय तक खड़े होकर काम करना, किसी तरह की चोट आदि ऐसी कई वजहों से कमर दर्द की समस्या हो सकती है। देखा जाए, तो कमर दर्द बढ़ती उम्र की एक आम समस्या भी हो सकती है, जो अधिकांश महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। ऐसे में इससे निजात पाने में कुछ योगासन काफी मददगार हो सकते हैं।
भुजंगासन
इस आसन को करने के लिए मैट पर पेट के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों की हथेलियों को अपने सीने के सामने जमीन पर रखें और फिर सांस भरते हुए हाथों पर दबाव डालते हुए अपने सिर को छाती और नाभि तक पेट को ऊपर उठाएं, लेकिन पेट को जमीन से हटाने का प्रयास न करें। इस स्थिति में आसमान की तरफ देखते हुए कुछ सेकंड रुके, फिर रिलैक्स हो जाएं ।
शलभासन
इसे करने के लिए मैट पर पेट के बल लेट जाएं और फिर अपने दोनों पैरों को आपस में जोड़ें और अपने दोनों हाथों को अपने जांघों के नीचे रखें और फिर पेट पर बल देते हुए गहरी सांस भरते हुए दोनों पैरों को ऊपर की ओर उठाएं। इस अवस्था में कुछ सेकेंड रहने के बाद सांस छोड़ते हुए पैरों को जमीन पर लाएं।
ताड़ासन
ताड़ासन करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं और फिर दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसाए और फिर हथेलियों को पलटते हुए, गहरी लम्बी सांस भरते हुए, हाथों सहित पूरे शरीर को ऊपर की ओर ले जाएं। फिर पैर के पंजे पर आते हुए हाथों के साथ शरीर को जितना हो सके उतना ऊपर की ओर खींचे। यहां सांसों को अपनी क्षमता के अनुसार रोक कर रखें और फिर सांस छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में आ जाएं।
शवासन
ये सबसे आसान आसन है। इसे करने के लिए आपको मैट पर सामान्य स्थिति में आसमान की तरफ मुंह करके लेट जाना है और सामान्य तरीके से सांस लेते रहना है। ध्यान दें कि श्वास को सामान्य रूप से लेते रहें और शरीर को शव की तरह ढीला छोड़ दें।
उष्ट्रासन
उष्ट्रासन करने के लिए घुटनों के बल वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं और फिर घुटनों के बल ही उठकर अपने दाएं हाथ को आगे से ऊपर से घुमाते हुए पीछे ले जाकर दाहिने पैर के पंजे को छुएं और फिर बाएं हाथ को भी ऊपर से घुमाते हुए पीछे जाकर बाएं पंजे को छुएं। अपनी क्षमता के अनुसार यहां पर रुकें और फिर वापस वज्रासन की मुद्रा में आ जाएं।