Meta ने इस पहले के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए कहा आठ सप्ताह तक चलने वाले इस कैंपेन में व्हॉट्सऐप के इन-बिल्ट प्रोडक्ट फीचर्स सेफ्टी उपायों को हाइलाइट किया जाएगा। इसके साथ ही यूजर्स को ब्लॉक रिपोर्ट फॉरवर्ड लेबल के बारे में जानकारी दी जाएगी। फैक्ट चेक के लिए उसने WhatsApp Channel भी बनाया है। आइए पूरी खबर के बारे में जान लेते हैं।'
Facebook की पेरेंट कंपनी Meta ने मिस इन्फॉर्मेशन (गलत सूचनाओं) से निपटने के लिए 'Know What's Real’ कैंपेन शुरू किया है। यह जानकारी कंपनी ने शेयर की है।
इस कैंपेन के जरिए मेटा यूजर्स को WhatsApp और Instagram पर गलत जानकारी को पहचानने और उससे निपटने के लिए जागरूक करेगा। इसके साथ ही यूजर्स के लिए बेस्ट प्रैक्टिस और सेफ्टी टूल्स के बारे में भी जानकारी देगा।
आठ सप्ताह तक चलेगा कैंपेन
मेटा ने इसके बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए कहा, "आठ सप्ताह तक चलने वाले इस कैंपेन में व्हॉट्सऐप के इन-बिल्ट प्रोडक्ट फीचर्स, सेफ्टी उपायों को हाइलाइट किया जाएगा। इसके साथ ही यूजर्स को ब्लॉक, रिपोर्ट, फॉरवर्ड लेबल के बारे में जानकारी दी जाएगी।"
Meta ने बनाया WhatsApp Channel
मेटा का कहना है कि फैक्ट चेक के लिए उसने WhatsApp Channel भी बनाया है, जो यूजर्स को गलत जानकारी को पहचानने और इसे आगे बढ़ाने से रोकने में सक्षम बनाते हैं। इसके साथ ही Instagram पर भी फैक्ट चेक नेटवर्क को मजबूत किया जा रहा है।
इन कॉन्टेंट पर लगेगा 'False' का लेबल
इसके साथ मेटा ने यह भी बताया कि अगर कुछ गलत, जैसे डीपफेक पाया जाता है, तो वे लोगों के इसके बारे में जानकारी देने के लिए लेबल भी लगाते हैं कि यह सटीक नहीं है। इसके साथ ही मेटा उस कॉन्टेंट की पहुंच को भी सीमित कर देता है, जो फैक्ट-चेक गलत पाई जाती हैं। ऐसे कॉन्टेंट पर 'False' का लेबल लगाया जाता है, ताकि यूजर्स इसे समझ जाएं