मिसइन्फॉर्मेशन कॉम्बैट एलायंस (MCA) और Meta ने एआई जनरेटेड फेक कंटेंट से निपटने के लिए साझेदारी की है। दोनों वॉट्सऐप पर फेक्ट चेक हेल्पलाइन बनाने पर काम कर रहे हैं। रिपोर्ट्स की माने तो यह मार्च 2024 तक शुरू होगा। यह वॉट्सऐप चैटबॉट पर डीपफेक कंटेंट को मार्क करने में मददगार होगा। यह अंग्रेजी के साथ तीन क्षेत्रीय भाषाओं हिंदी तमिल और तेलुगु में उपलब्ध होगा।
डीपफेक के बढ़ते खतरे और भ्रामक एआई जनित सामग्री की चुनौतियों से निपटने के लिए मिसइन्फार्मेशन काम्बैट एलायंस (एमसीए) और मेटा ने वाट्सएप पर समर्पित तथ्य-जांच हेल्पलाइन शुरू करने की घोषणा की है। यह हेल्पलाइन आम जनता को मार्च 2024 में उपयोग के लिए उपलब्ध होगी।
क्रॉस-इंडस्ट्रीय गठबंधन है एमसीए
एमसीए क्रॉस-इंडस्ट्रीय गठबंधन है, जो कंपनियों, संगठनों, संस्थानों, उद्योग संघों व संस्थाओं को गलत सूचना व उसके प्रभाव से सामूहिक रूप से लड़ने के लिए साथ लाता है। यह पहल एमसीए व उसके स्वतंत्र तथ्य जांचकर्ताओं व अनुसंधान संगठनों को प्रसारित भ्रामक सूचनाओं विशेष तौर पर डीपफेक को पहचानने की अनुमति देगी। लोग प्रसारित सूचनाओं को वाट्सएप चैटबॉट में भेजकर डीपफेक को पहचानने में सक्षम होंगे।
कैसे करेगा काम?
वाट्सएप का चैटबॉट अंग्रेजी व तीन क्षेत्रीय भाषाओं (हिंदी, तमिल व तेलुगु) का समर्थन करेगा। इसके साथ ही एमसीए वाट्सएप हेल्पलाइन पर प्राप्त होने वाले सभी संदेशों को प्रबंधित करने के लिए केंद्रीय डीपफेक विश्लेषण इकाई स्थापित करेगी। वे सामग्री का आकलन व सत्यापन करने व उसके अनुसार संदेशों का जवाब देने, झूठे दावों और गलत सूचनाओं को खारिज करने के लिए तथ्य-जांच संगठनों के सदस्यों के साथ-साथ इंडस्ट्री पार्टनर्स व डिजिटल प्रयोगशालाओं के साथ मिलकर काम करेंगे।