नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के एक सरकारी स्कूल में एक टीचर द्वारा एक मुस्लिम बच्चे को अन्य दूसरे बच्चों द्वारा थप्पड़ मारने को कहा गया था। जिसके बाद बच्चों ने एक-एक कर उस बच्चे को लगातार कई थप्पड़ मारे थे। इस घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुई थी और सोशल मीडिया यूजर्स ने टीचर की काफी आलोचना की थी।

SC ने लगाई यूपी सरकार को फटकार

वहीं, अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार को भी फटकार लगाई है। SC ने यूपी सरकार को उन छात्रों की काउंसलिंग नहीं करने के लिए डांट लगाई, जिन्हें कथित तौर पर उनके स्कूल शिक्षक ने होमवर्क नहीं करने पर एक मुस्लिम लड़के को थप्पड़ मारने का निर्देश दिया था।यह देखते हुए कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उसके निर्देशों का पूर्ण उल्लंघन किया गया है, न्यायमूर्ति अभय एस ओका और उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने राज्य को उन बच्चों की काउंसलिंग करने और दो सप्ताह में अनुपालन हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

SC ने दिए थे काउंसलिंग के लिए एजेंसी नियुक्त करने के आदेश

अदालत ने पहले राज्य सरकार को उस मुस्लिम लड़के और उसके सहपाठियों की काउंसलिंग के लिए एक एजेंसी नियुक्त करने के अपने आदेश का पालन नहीं करने के लिए फटकार लगाई थी, जिन्हें कथित तौर पर उनके स्कूल शिक्षक ने होमवर्क न करने पर उसे थप्पड़ मारने का निर्देश दिया था।

मुजफ्फरनगर जिले के स्कूल की महिला टीचर पर भी पीड़ित लड़के पर सांप्रदायिक टिप्पणियां करने का आरोप लगा है।

शीर्ष अदालत ने लड़के और उसके सहपाठियों को परामर्श देने के तरीकों का सुझाव देने के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस), मुंबई को नियुक्त किया था।

महिला टीचर के खिलाफ भी दर्ज हुआ था केस

मुजफ्फरनगर पुलिस ने मुस्लिम लड़के के खिलाफ कथित तौर पर सांप्रदायिक टिप्पणी करने और उसके सहपाठियों को उसे थप्पड़ मारने का निर्देश देने के आरोप में शिक्षक के खिलाफ भी मामला दर्ज किया था। स्कूल को राज्य के शिक्षा विभाग द्वारा एक नोटिस भी दिया गया था।

एक वीडियो में कथित तौर पर शिक्षिका को खुब्बापुर गांव में छात्रों से कक्षा-2 के लड़के को थप्पड़ मारने के लिए कहने और सांप्रदायिक टिप्पणी करने के बाद मामला दर्ज किया गया था।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 6 नवंबर को उत्तर प्रदेश सरकार से लड़के को एक निजी स्कूल में प्रवेश की सुविधा देने को कहा था।

यह महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें मामले में शीघ्र जांच की मांग की गई थी।

पिछले साल 30 अक्टूबर को अदालत ने राज्य सरकार को शिक्षक के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने पर तुरंत निर्णय लेने का निर्देश दिया था।

अदालत ने पीड़ित के पिता द्वारा दायर हलफनामे में किए गए दावे का उल्लेख किया था कि लड़का "गंभीर रूप से सदमे में" था और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज को एनआईएमएचएएनएस और टीआईएसएस जैसी विशेषज्ञ एजेंसी की उपलब्धता पर निर्देश लेने के लिए कहा था, जो जा सकता है पीड़ित के गाँव में जाएँ और उसे तथा अन्य छात्रों को परामर्श दें।