गुवाहाटी। समान नागरिक संहिता को उत्तराखंड और गुजरात जैसे राज्यों में लागू करने के लिए काम जारी है। वहीं, इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो हम असम में भी समान नागरिक संहिता लागू करेंगे। हालांकि, इसमें कुछ बदलाव किए जाएंगे।

हम नागरिक संहिता अधिनियम पर रख रहें हैं नजर- सरमा

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हम असम में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक अधिनियम तैयार कर रहे हैं और राज्य का कानून विभाग इसकी जांच कर रहा है। हम उत्तराखंड के विकास पर भी करीब से नजर रख रहे हैं। यदि 5 फरवरी को उत्तराखंड में यूसीसी बिल रखा जाएगा तो क्या हम संपूर्ण यूसीसी लागू करने की स्थिति में होंगे, हम इसे भी देख रहे हैं। हमारा विधानसभा सत्र 5 फरवरी से शुरू होगा, इसलिए हमारे पास अभी कुछ समय है।

उन्होंने कहा कि हम देखने की कोशिश कर रहे हैं कि इसे पूर्वोत्तर राज्य में पूरी तरह से लागू किया जा सकता है या नहीं। उसके बाद हम कोई फैसला ले सकेंगे।

आपको बता दें कि उत्तराखंड की धामी सरकार के द्वारा गठित पांच सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपनी मसौदा रिपोर्ट सौंप दी है। इसके बाद ही असम सीएम सरमा की प्रतिक्रिया सामने आई है।

असम सरकार बहुविवाह पर भी लगाएगी प्रतिबंध 

सरमा ने कहा कि उनकी सरकार असम में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक अधिनियम तैयार कर रही है। इस महीने की शुरुआत में उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार यूसीसी को लागू करेगी लेकिन आदिवासी आबादी को इसके दायरे से दूर रखेगी। उन्होंने कहा था कि उत्तराखंड और गुजरात पहले यूसीसी लाएंगे और असम उन विधेयकों में कुछ नए बदलाव कर अपने राज्य में लागू करेगा।

हिमंत ने कहा कि मैं उत्तराखंड के यूसीसी विधेयक को देखने का इंतजार कर रहा हूं। जब यह एक बार यह पूरा हो जाएगा, हम वही कानून असम में भी लाएंगे। चूंकि हम बाल विवाह और बहुविवाह के खिलाफ काम कर रहे हैं, इसलिए इसमें कुछ बदलाव होंगे। असम में आदिवासी समुदाय को छूट दी जाएगी।

सरमा ने आगे कहा कि अगर यूसीसी विधेयक पर सार्वजनिक परामर्श 2-3 महीने में हो सकता है, तो इसे जल्द ही असम विधानसभा में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सब कुछ उत्तराखंड और गुजरात विधेयकों पर निर्भर करेगा, लेकिन असम यूसीसी लागू करने वाला तीसरा राज्य होगा।