नई दिल्ली। लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने संबंधी विधेयक पर विचार करने वाली संसदीय समिति को अपनी रिपोर्ट पेश करने का एक और विस्तार दिया गया है।संसदीय समिति अब चार महीने के विस्तार के बाद मई तक अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देगी, जबकि 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को समाप्त होगा। बता दें कि संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो रहा है, जो संसदीय चुनावों की घोषणा से पहले वर्तमान लोकसभा का आखिरी सत्र है।

संसदीय स्‍थायी समिति को दिया अतिरिक्त समय

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, राज्यसभा के सभापति ने बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 की जांच के लिए शिक्षा, महिला, बच्चे, युवा और खेल विभाग से संबंधित संसदीय स्‍थायी समिति को चार महीने की अवधि के लिए समय विस्‍तार दिया है। इससे पहले भी समिति को अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए विस्तार दिया जा चुका है।

दिसंबर 2021 में पेश किया गया था विधेयक

बता दें कि बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 लोकसभा में दिसंबर 2021 में पेश किया गया था और इसे राज्य सभा सचिवालय के तहत कार्य करने वाली शिक्षा, महिला, बच्चे, युवा और खेल संबंधी स्थायी समिति के पास भेजा गया था।

स्मृति ईरानी ने किया था स्थायी समिति को भेजने का अनुरोध

विधेयक पेश करने के तुरंत बाद महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा अध्यक्ष से विधेयक को विस्तृत जांच के लिए स्थायी समिति को भेजने का अनुरोध किया था। उन्होंने सदन को बताया था कि सरकार पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता लाना चाहती है। उन्होंने कहा कि विधेयक में सभी मौजूदा कानूनों को रद्द करने का भी प्रावधान है, जो विवाह के संबंध में किसी भी रीति-रिवाज, उपयोग या प्रथा सहित सभी मौजूदा कानूनों को खत्म करने का प्रयास करता है।