मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मंगलवार को कहा कि अगर मादक पदार्थों और अवैध प्रवासियों की कोई समस्या नहीं होती तो राज्य में मौजूदा स्थिति से बचा जा सकता था। सिंह ने कहा कि सरकार मादक पदार्थों के उपयोग के खिलाफ कदम उठाई है। उन्होंने कहा कि राज्य में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अनधिकृत अप्रवासियों के खिलाफ उसके अभियान असंवैधानिक पाए जाते हैं तो वह इस्तीफा दे देंगे।

मणिपुरी शासक महाराजा गंभीर सिंह की 190वीं पुण्य तिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की 30 लाख आबादी में से 1.5 लाख युवा नशे की लत के शिकार हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान और भावी पीढ़ियों को बचाने के लिए सरकार द्वारा मादक पदार्थों के खिलाफ युद्ध की घोषणा की गई थी। यदि मादक द्रव्य नहीं होते, पोस्ता की खेती नहीं होती और अवैध आप्रवासन नहीं होता तो वर्तमान स्थिति नहीं होती।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुकी समुदाय को राज्य की अनुसूचित जनजाति सूची से हटाया जाएगा या नहीं, इस बारे में निर्णय लेने के लिए एक सर्व जनजाति समिति का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री का बयान केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय के एक पत्र के मद्देनजर आया है, जिसमें मणिपुर की एसटी सूची से घुमंतू चिन कुकी समुदाय को हटाने की मांग पर राज्य सरकार से जवाब मांगा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति की सिफारिशें मिलने के बाद राज्य सरकार इस मामले पर अपना जवाब भेज सकेगी। राज्य पिछले साल तीन मई से जातीय हिंसा से ग्रस्त है, जब बहुसंख्यक मैतेयी समुदाय की एसटी दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च आयोजित किया गया था। हिंसा में 180 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और कई सौ लोग घायल हुए हैं।