नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनके आवास पर मुलाकात की। दोनों नेताओं की इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं कि चौहान पार्टी हाईकमान से नाराज हैं। प्रदेश में विधानसभा चुनाव में मिली शानदार जीत के बाद भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान को पद से हटाकर मोहन यादव को नया मुख्यमंत्री बनाया है।इसी वजह से सीएम पद से हटाए जाने के बाद दावा किया जा रहा है कि चौहान भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से नाराज हैं। क्योंकि, शिवराज सिंह चौहान 17 दिसंबर को दिग्गज नेताओं की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। इस बीच, मंगलवार को दिल्ली में जेपी नड्डा से उनकी मुलाकात राजनीतिक भविष्य को लेकर कई तरह के सवालों को जन्म दे रही है।
नड्डा से मुलाकात के बाद क्या बोले चौहान?
दिल्ली में भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में पार्टी मेरे लिए जो भी भूमिका तय करेगी, मैं उसे निभाऊंगा। पार्टी जो भी तय करेगी - मैं करूंगा।" राज्य के साथ-साथ केंद्र में भी रहें...यदि आप किसी बड़े मिशन पर काम कर रहे हैं, तो यह पार्टी ही है जो निर्णय लेती है..."पूर्व सीएम ने कहा, "राज्य के विधायक दल की पहली बैठक आज होनी है। मेरा वहां रहना जरूरी है। इसलिए, मैं आज वापस जा रहा हूं।" उन्होंने कहा कि मुलाकात के दौरान राष्ट्र उत्थान, लोक कल्याण एवं जनसेवा के विषय में चर्चा हुई। 'सेवा ही संकल्प है' के ध्येय के लिए भाजपा के हम समस्त कार्यकर्ता समर्पित हैं।
भविष्य के सवाल पर क्या बोले चौहान?
चौहान से जब पत्रकारों ने पूछा कि वह क्या चाहते हैं? तो उन्होंने हंसते हुए कहा, "मैं खुद के बारे में नहीं सोचता हूं। जो अपने बारे में सोचता है वह इंसान नहीं होता है। जब आप बड़े मिशन के लिए काम करते हैं तो पार्टी तय करती है कि आप कहां काम करोगे।"
उन्होंने आगे कहा कि अभी उन्हें भारत संकल्प यात्रा में शामिल होना है। पार्टी की तरफ से दक्षिण के राज्यों में जाने को कहा गया है। हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उन्हें दक्षिण भारत की जिम्मेदारी दी गई है। भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद पूर्व सीएम ने कहा कि वह विधायक दल की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भोपाल लौट रहे हैं।