COAI यानी रिलायंस जियो एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक SOS भेजा है जिसमें उन्होंने 6 गीगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम नामित करने में हो रही विफलता की ओर इशारा किया है। टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि वैश्विक स्पेक्ट्रम मीट में भारतीय प्रतिनिधिमंडल 6 गीगाहर्ट्ज बैंड स्पेक्ट्रम पर उद्योग के साथ किये गए वादों से भटक रहे हैं।
जैसा कि हम जानते हैं कि ग्लोबल स्पेक्ट्रम मीट जोर-शोर से चल रहा है। इस आईटीयू वर्ल्ड रेडियोकम्युनिकेशन कॉन्फ्रेंस 2023 में भारत ने भी हिस्सा लिया है। लेकिन अब COAI (भारतीय दूरसंचार उद्योग निकाय सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) ने केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक SOS लेटर भेजा है। बता दें कि COAI में रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया शामिल है।
इस SOS की बात करें तो टेलीकॉम कंपनियों ने इस SOS में दावा किया गया है कि वैश्विक स्पेक्ट्रम मीट में भारतीय प्रतिनिधिमंडल 6 गीगाहर्ट्ज बैंड स्पेक्ट्रम पर उद्योग के साथ किये गए वादों से भटक रहे हैं। आइये इसके बारे में जानते हैं।
टेलीकॉम कंपनियों ने सरकार को भेजा SOS
- सरकार को भेजे पत्र में टेलीकॉम कंपनियों ने यह भी कहा कि 6 गीगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम को नामित करने में हो रही विफलता भारत के 5G को नुकसान पहुंचा सकती है।
- साथ ही मोबाइल टेलीफोनी के ग्लोबल इकोसिस्टम के विकास पर भी असर पड़ सकता है। ंकपनियों का यह भी कहना है कि इसकी शुरुआत नए सिरे से की जानी चाहिए।
- जानकारी के लिए बता दें कि आईटीयू वर्ल्ड रेडियोकम्युनिकेशन कॉन्फ्रेंस 2023 दुबई में हो रहा है। इस कॉन्फ्रेंस उस तकनीकी पर फैसला मिलेगा जिसके लिए 6 गीगाहर्ट्ज बैंड स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल किया जाना है।