नई दिल्ली। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को 'कैश फॉर क्वेरी' मामले में शुक्रवार (8 दिसंबर) को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया। संसद की एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट आज सदन में पेश की गई, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। इसके साथ ही लोकसभा की कार्यवाही 11 दिसंबर सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

अपने निष्कासन के बाद टीएमसी नेता ने संसद के बाहर कहा, "मैं 49 साल की हूं, मैं अगले 30 साल तक संसद के अंदर और संसद के बाहर आपसे लड़ूंगी।" लोकसभा में महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने का प्रस्ताव पारित होने के बाद विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर से वॉकआउट किया। मोइत्रा ने कहा कि मुझे उस आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया गया है जो अस्तित्व में ही नहीं है।

यह बीजेपी के अंत की शुरुआत है- महुआ

महुआ मोइत्रा ने कहा, "एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है। यह आपके (बीजेपी) अंत की शुरुआत है।" अगर मोदी सरकार सोच रही है कि मुझे चुप कराकर वे अदाणी के मुद्दे को खत्म कर देंगे, मैं आपको यह बता दूं कि संसद ने पूरे भारत को केवल यह दिखाया है कि आपने यह जो जल्दबाजी और उचित प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है, यह दर्शाता है कि अदाणी आपके लिए कितना जरूरी है। आप एक अकेली महिला सांसद को झुकाने के लिए और उसे रोकने के लिए किस हद तक परेशान कर सकते हैं।"

महुआ मोइत्रा को न्याय नहीं मिला- टीएमसी

वहीं, पार्टी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने महुआ मोइत्रा को संसद से निकाले जाने के बाद कहा, "महुआ मोइत्रा को न्याय नहीं मिला।" जबकि, मोइत्रा के निष्कासन पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह आधारहीन तथ्यों के आधार पर और बदले की भावना से लिया गया फैसला है।