नई दिल्ली। झारखंड के आदवासियों के कष्ट की गूंज सोमवार को संसद में भी सुनाई दी। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने वहां हो रही आदिवासियों के बच्चों की मौत का संवेदनशील मुद्दा लोकसभा में उठाया। राज्य सरकार पर आदिवासियों के विरुद्ध काम करने का आरोप लगाते हुए सरकार को बर्खास्त करने की मांग की।

पिछले एक माह में 20 बच्चों की मौत

निशिकांत दुबे ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में यह विषय उठाया और कहा कि झारखंड में सुंदरपहाड़ी मुख्यमंत्री सोरेन का क्षेत्र है। पिछले एक महीने में प्राइमेटिव ट्राइबल ग्रुप (पहाड़िया जनजाति) के 20 बच्चों की मौत मलेरिया या ऐसे ही किसी संक्रमण से हो चुकी है, जिसे राज्य सरकार देख नहीं पा रही है।

लिट्टीपाड़ा और सुंदरपहाड़ी में नहीं है डॉक्टरों की व्यवस्था

उन्होंने बताया कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के साथ पिछले दिनों लिट्टीपाड़ा और सुंदरपहाड़ी का दौरा किया था। वहां डॉक्टर तक की व्यवस्था नहीं है। इसके साथ ही निशिकांत दुबे ने कहा कि केंद्र सरकार प्राइमेटिव ट्राइबल ग्रुप को सौ प्रतिशत पीएम आवास देती है, लेकिन वहां इस वर्ग के एक भी आदिवासी का नाम पीएम आवास योजना की सूची में नहीं है।

निशिकांत ने की केंद्रीय टीम भेजने की मांग

उन्होंने आरोप लगाया कि आदिवासियों के नाम पर राजनीति करने वाली पार्टियां वहां उन्हें आवास तक नहीं दे रही हैं। सड़कों की हालत ऐसी है कि वह खुद मोटरसाइकिल से गिर गए। सोरेन सरकार आदिवासियों के खिलाफ माहौल बनाने वाली, उनके खिलाफ काम करने वाली और बांग्लादेशियों की घुसपैठ बढ़ाने वाली है। दुबे ने झारखंड सरकार को बर्खास्त करते हुए केंद्रीय टीम भेजकर बच्चों की जान बचाने की मांग सदन में की।