नई दिल्ली। कनाडा ने दो महीने पहले खालिस्तानी समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मौत को लेकर भारत पर बड़ा आरोप लगाया था। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया था कि आतंकी निज्जर की हत्या के पीछे भारतीय एजेंसियों का हाथ है। इस आरोप के दो महीने बाद अमेरिका ने भारत के खिलाफ एक बड़ा दावा कर दिया है।
अमेरिका ने एक भारतीय व्यक्ति पर खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। अमेरिका के इस आरोप पर भारत ने गुरुवार को चिंता जाहिर की है।
अमेरिका के आरोप भारत ने दिया प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा,"जहां तक एक व्यक्ति के खिलाफ अमेरिकी अदालत में दायर मामले का संबंध है, उसे कथित तौर पर एक भारतीय अधिकारी से जोड़ा गया है, यह चिंता का विषय है। हमने कहा है कि यह सरकार की नीतियों के भी विपरीत है।"
उन्होंने आगे कहा,"अमेरिका के साथ द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग पर बातचीत के दौरान अमेरिकी पक्ष ने हमारे साथ कुछ इनपुट साझा किए हैं। इस इनपुट में संगठित अपराधियों, बंदूकधारियों, आतंकवादियों और अन्य चरमपंथियों के बीच सांठगांठ की बात कही गई है। हम ऐसे इनपुट को बहुत ही गंभीरता से लेते हैं और यही कारण है कि एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है और हम करेंगे।"
कनाडा ने हमेशा भारत विरोधी चरमपंथियों को जगह दी: अरिंदम बागची
कनाडा के मामले पर अरिंदम बागची ने कहा,"'जहां तक कनाडा का सवाल है, हमने कहा है कि उन्होंने लगातार भारत विरोधी चरमपंथियों को जगह दी है और वास्तव में यही मुद्दे की जड़ है।"
उन्होंने आगे कहा,"कनाडा में हमारे राजनयिक प्रतिनिधियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है। इसलिए, हम उम्मीद करते हैं कि कनाडा सरकार राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों को पूरा करेगी। हमने अपने आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों का हस्तक्षेप भी देखा है और यह अस्वीकार्य है।"