सिम बेचने और खरीदने के नियमों को लेकर बदलाव होने जा रहा है। नया बदलाव अगले महीने यानी 1 दिसंबर से लागू होने जा रहा है। नए नियमों के मुताबिक अब सिम बेचने वाले डीलर्स का वेरिफिकेशन होना जरूरी शर्त होगी। डीलर्स को नए सिम बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना भी जरूरी होगा। इसके अलावा सिम डिएक्टिवेट होने के 90 दिन बाद ही यह नए ग्राहक को दी जाएगी

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सिम बेचने और खरीदने के नियमों को लेकर बदलाव होने जा रहा है। नया बदलाव अगले महीने यानी 1 दिसंबर से लागू होने जा रहा है। नए नियमों के मुताबिक अब सिम बेचने वाले डीलर्स का वेरिफिकेशन होना जरूरी शर्त होगी। डीलर्स को नए सिम बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना भी जरूरी होगा।

फर्जी सिम कार्ड बेचने वालों पर सख्ती

दरअसल, सितंबर महीने में ही DoT ने फर्जी सिम कार्ड बेचने वालों पर नकेल कसते हुए दो सर्कुलर जारी किए थे। इन सर्कुलर में भारत में सिम कार्ड बेचने और इस्तेमाल करने के नियमों को लेकर बदलाव किया गया है।

  • नए नियमों के मुताबिक टेलीकॉम कंपनियों को उनके सिम कार्ड बेचने वाली दुकानों का KYC करना अनिवार्य किया जा रहा है। अगर टेलीकॉम कंपनियां ऐसा नहीं करती हैं तो उन्हें हर दुकान के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है।
  • नए नियमों के मुताबिक थोक में सिम कार्ड जारी नहीं किए जाएंगे। सिम कार्ड बंद होने के 90 दिन बाद ही नंबर किसी और व्यक्ति को दिया जाएगा। केवल व्यावसायिक कनेक्शन के जरिए ही थोक में सिम कार्ड खरीदे जा सकेंगे।
  • मौजूदा नंबरों के लिए सिम कार्ड खरीदने वाले ग्राहकों को नई सिम खरीदने के लिए आधार स्कैनिंग जरूरी होगी। इसके अलावा, डेमोग्राफिक डेटा कलेक्शन जरूरी होगा।

पहले इन नियमों को 1 अक्टूबर से लागू किया जा रहा था।