आंकड़ों से पता चलता है कि 87 फीसद भारतीयों ने पेट्रोल वाहनों को चुना। भारतीय ग्राहक इस समय पेट्रोल कारों की तरफ अधिक ध्यान दे रहे हैं क्योंकि उसको पेट्रोल गाड़ियों में अधिक परफॉर्मेंस और लो मेंटेनेंस लगता है। इसके अलावा डीजल कारों की कंपैरिजन में पेट्रोल कारों की रजिस्ट्रेशन 5 साल से अधिक रहता है। पेट्रोल वाहन 15 वर्षों तक सड़क पर रह सकते हैं।
इस त्योहारी सीजन में ऑटो सेक्टर ने 1 मिलियन (10 लाख) यूनिट का आंकड़ा पार कर गई है। इस अवधि के दौरान पुरानी कारों की बिक्री में भी बढ़ोतरी देखी गई। Cars24 द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में पूरे भारत में पुरानी कारों की बिक्री में 88% की बढ़ोतरी हुई है।
जानिए इसपर क्या कहती है मीडिया रिपोर्ट्स
आंकड़ों से पता चलता है कि 87 फीसद भारतीयों ने पेट्रोल वाहनों को चुना। भारतीय ग्राहक इस समय पेट्रोल कारों की तरफ अधिक ध्यान दे रहे हैं क्योंकि उसको पेट्रोल गाड़ियों में अधिक परफॉर्मेंस और लो मेंटेनेंस लगता है। इसके अलावा डीजल कारों की कंपैरिजन में पेट्रोल कारों की रजिस्ट्रेशन 5 साल से अधिक रहता है। पेट्रोल वाहन 15 वर्षों तक सड़क पर रह सकते हैं।
यूज्ड कार मार्केट में सबसे अधिक हैचबैक कारों की डिमांड
यूज्ड कार मार्केट में कुल बिक्री में हैचबैक की हिस्सेदारी 65% रही। स्विफ्ट, बलेनो, ग्रैंड आई10, ऑल्टो और क्विड जैसे मॉडल पहली बार कार खरीदने वालों के बीच लोकप्रिय थे, जिसमें मारुति सुजुकी पसंदीदा ब्रांड था। इसके अलावा लोगों ने एसयूवी कारों की तरफ भी अपने झुकाव रखें हैं। विटारा ब्रेजा, फोर्ड इकोस्पोर्ट, अर्टिगा, क्रेटा और नेक्सॉन जैसे मॉडलों की हाइ डिमांड देखी गई है।