Deepfake डीपफेक एक टेक्नोलाजी है जिससे एक रियल वीडियो में दूसरे व्यक्ति के चेहरे को फिट करके वीडियो बनाया जाता है यह वीडियो रियल लगता है। कई एप नए लोगों के लिए भी डीपफेक बनाना आसान बना देते हैं। जैसे चीनी एप जेडएओ डीपफेस लैब फेकएप और फेस स्वैप । यही नहीं ओपन सोर्स डेवलपमेंट कम्युनिटी GitHub पर बड़ी संख्या में डीपफेक साफ्टवेयर उपलब्ध हैं।
एक्ट्रेस रश्मिका मंडाना डीपफेक नामक टेक्नॉलाजी का शिकार हुईं। इसके बाद यह डीपफेक एआई टूल चर्चा का विषय बन गया। इसके परिणाम इतने खतरनाक हैं कि खुद पीएम मोदी ने इसे खतरा बताया। मगर यह टेक्नोलॉजी आखिर क्या और यह कैसे काम करती है, आइए इसके बारे में डिटेल से जानते हैं।
क्या है डीपफेक वीडियो
- डीपफेक एक टेक्नोलॉजी है, जिससे एक रियल वीडियो में दूसरे व्यक्ति के चेहरे को फिट करके वीडियो बनाया जाता है, यह वीडियो रियल लगता है।
- वीडियो बनाने के लिए एआइ की मदद ली जाती है। डीपफेक शब्द डीप लर्निंग अल्गारिद्म टेक्नोलाजी से आया है।
- ये टेक्नोलॉजी खुद को आंकड़ों की मदद से समस्याओं का समाधान करना सिखाती है और इसका इस्तेमाल रियल व्यक्ति का फेक कंटेंट बनाने में किया जा सकता है ।
डीपफेक बनाने वाले एप
डीपफेक बनाने की प्रकिया जटिल है लेकिन इसके साफ्टवेयर तक पहुंच आसान है । कई एप नए लोगों के लिए भी डीपफेक बनाना आसान बना देते हैं। जैसे चीनी एप जेडएओ, डीपफेस लैब, फेकएप और फेस स्वैप । यही नहीं ओपन सोर्स डेवलपमेंट कम्युनिटी GitHub पर बड़ी संख्या में डीपफेक साफ्टवेयर उपलब्ध हैं।
कैसे बनाए जाते हैं डीपफेक
डीपफेक बनाने के कई तरीके हैं। लेकिन सबसे आम तरीके में डीप न्यूरल नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए फेस स्वैपिंग तकनीक का उपयोग किया जाता है। इसके लिए पहले डीपफेक के आधार के तौर पर इस्तेमाल के लिए टारगेट वीडियो की जरूरत होती है और इसके बाद उस व्यक्ति की वीडियो क्लिप का कलेक्शन चाहिए होता है, जिसे आप टारगेट वीडियो में डालना चाहते हैं। वीडियो एक दूसरे से पूरी तरह से अलग हो सकते हैं । उदाहरण के लिए आपका टारगेट हॉलीवुड फिल्म की क्लिप हो सकती है और जिस व्यक्ति का वीडियो आप फिल्म में डालना चाहते हैं, वो यूट्यूब से डाउनलोड की गई कोई भी क्लिप हो सकती है।