नई दिल्ली। ईडी ने सोमवार को विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के उल्लंघन के आरोप में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत से आठ घंटे पूछताछ की। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राजस्थान के होटल समूह से जुड़ी कंपनियों के यहां मिले विदेशी फंडिंग के सुबूतों के आधार पर वैभव गहलोत से पूछताछ की गई।
कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना
राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले वैभव गहलोत से ईडी की पूछताछ को कांग्रेस राजनीति से प्रेरित कदम बता रही है और इसे केंद्रीय एजेंसी के राजनीतिक दुरुपयोग का उदाहरण बता रही है। वहीं भाजपा ईडी की कार्रवाई को सही बता रही है। राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होना है और तीन दिसंबर को अन्य राज्यों के साथ इसका परिणाम आएगा।
पूछताछ के बीच में भोजन के लिए ईडी मुख्यालय से बाहर निकले वैभव गहलोत ने कहा कि उन्हें 10-11 साल पुराने मामले में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूछताछ के लिए बुलाया गया है। लेकिन ईडी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगस्त में ट्राइटन होटल्स एंड रिजार्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, वर्धा इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड और उसके प्रमोटरों शिवशंकर शर्मा और रतन कांत शर्मा के ठिकानों पर मारे गए छापे में मिले दस्तावेज और सुबूतों के बाद वैभव गहलोत को बुलाने का फैसला किया गया।
तीन गुना तक जुर्माने का प्रविधान
इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने वैभव गहलोत की गिरफ्तारी की आशंका से भी इन्कार किया, क्योंकि फेमा में गिरफ्तारी का कोई प्रविधान है ही नहीं। फेमा के आरोप साबित होने पर सिर्फ तीन गुना तक जुर्माने का प्रविधान है। वैभव गहलोत लगभग 11 बजे पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय पहुंचे और शाम आठ बजे के बाद वहां से बाहर आए। बीच में एक घंटे का लंच ब्रेक रहा।
ईडी ने 16 नवंबर को फिर बुलाया
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि ईडी ने उनको 16 नवंबर को फिर बुलाया है। ध्यान देने की बात है कि अगस्त में मारे गए छापे में 1.27 करोड़ रुपये नगद के साथ-साथ ईडी ने कई हार्ड डिस्क और मोबाइल फोन भी बरामद किए थे।वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रतन लाल शर्मा के साथ आर्थिक लेनदेन के मामले में वैभव गहलोत का बयान जरूरी है।