भारत सरकार के आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी दी है कि 18 साल से ज्यादा के जो लोग कोवैक्सिन और कोविशील्ड लगवा चुके हैं, अब उनके लिए जैविक 'ई कॉर्बेवैक्स बूस्टर शॉट' उपलब्ध है.भारत सरकार ने ई कॉर्बेवैक्स बूस्टर शॉट को मान्यता दे दी है. ऐसे में जो लोग कोवैक्सिन और कोविशील्ड लगवा चुके हैं वो कॉर्बेवैक्स बूस्टर डोज लगवा सकते हैं.
4 जून को मिली थी मान्यता
पिछले महीने वैक्सीनेशन पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) ने 18 साल से ज्यादा उम्र के वयस्कों के लिए जैविक ई के कॉर्बेवैक्स को हेट्रोलोगस बूस्टर के रूप में सिफारिश किया था. वहीं इस साल 4 जून को, हैदराबाद स्थित फार्मास्युटिकल और वैक्सीन कंपनी बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड (BE) ने घोषणा किया था कि उसके कॉर्बेवैक्स कोविड-19 वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा 6 महिने के बाद अप्रूव किया गया है.
DCGI के सामने परीक्षण डेटा प्रस्तुत किया
बीई का कॉर्बेवैक्स भारत में पहली ऐसी वैक्सीन है जिसे हेट्रोलोगस कोविड-19 बूस्टर के रूप में अप्रूव किया गया है. बता दें कि हाल ही में, BE ने DCGI के सामने अपना परीक्षण डेटा प्रस्तुत किया, जिसने हेट्रोलोगस विशेषज्ञ समिति के साथ विस्तृत मूल्यांकन और विचार-विमर्श के बाद, इसके लिए अपनी स्वीकृति प्रदान की है. बीई के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि "कॉर्बेवैक्स वैक्सीन को एक हेट्रोलोगस बूस्टर डोज के रूप में उन लोगों को दे सकते हैं जो पहले से ही कोविशील्ड या कोवैक्सिन की दो खुराक ले चुके हैं."
वैक्सीनेशन बढ़ाने पर जोर दें राज्य
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने लोगों से वैक्सीनेशन लेने पर जोर दिया है. केंद्र ने राज्यों को संक्रमित व्यक्तियों के इलाज की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश के साथ पूरी इलाज की प्रक्रिया का पालन करने को कहा है. पिछले दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को एक पत्र जारी कर कहा था कि कोविड से निपटने के लिए देश में किसी भी संसाधन की कमी नहीं है, राज्यों को इसका पूरा उपयोग करना चाहिए.