जानी मानी टेक कंपनी मेटा अपने यूजर्स के लिए एक नया प्रस्ताव लाई है। इसमें वे इंस्टाग्राम और फेसबुक के लिए एक ऐसा सब्सक्रिप्शन प्लान पेश कर रही है जिसमें उन्हें Ad Free सोशल मीडिया का एक्सपीरिंयस का अनुभव मिलेगा। इसके अलावा ऐड्स के लिए उन्हें ट्रैक भी नहीं किया जाएगा। फिलहाल ये प्लान केवल यूरोपीय कस्टमर्स के लिए है।
मेटा समय-समय पर कुछ नए बदलाव करती रहती है। इस बार खबर मिल रही है कि कंपनी ऐड फ्री फेसबुक और इंस्टाग्राम के लिए पैसे लेने की तैयारी में है। जी हां ने कंपनी ने इस बात का प्रस्ताव रखा है कि यूरोपीय यूजर्स के लिए इंस्टाग्राम और फेसबुक का सब्सक्रिप्शन प्लान पेश करना चाहती है। ऐसे में यूजर्स को ऐड नहीं दिखेंगे और उन्हें ऐड्स के लिए ट्रैक भी नहीं किया जाएगा।
नई मीडिया रिपोर्ट से पता चला है कि ये नया प्लान तब आया है जब अमेरिकी बड़ी टेक कंपनियों की शक्ति पर अंकुश लगाने के लिए यूरोपीय संघ ने नियमों को बहुत कड़ा कर दिया।
अरबों का मुनाफा करती है कंपनियां
मार्क जुकरबर्ग की कंपनी मेटा विज्ञापनदाताओं को अपने यूजर्स के पर्सनल डेटा को देकर अरबों डॉलर का मुनाफा कमाती है।
मगर नए यूरोपीय नियमों और यूरोपीय संघ अदालत के चलते कंपनी ने इसपर अंकुश लग गया है। इससे जाहिर है कि इन टेक कंपनियों को काफी घाटा हो रहा है।
इसके बाद मेटा ने इस प्रस्ताव यूरोपीय संघ के नियामकों के सामने रखा है। बता दें कि यह एक तरीका है , जिससे बड़ी तकनीकी कंपनियों यूरोपीय संघ के नए नियमों को पूरा करने और प्रथाओं को अपनाने का एक और उदाहरण है।
देने होंगे इतने पैसे
अब सवाल उठता है कि यूजर्स को कितने पैसे देने होंगे। बता दें कि यूरोप में यूजर्स इंस्टाग्राम या फेसबुक के डेस्कटॉप वर्जन के लिए हर महीने 10 यूरो यानी लगभग 873 रुपये देने होंगे।
वहीं स्मार्टफोन यूजर्स को इंस्टाग्राम के लिए हर महीने 13 यूरो प्रति माह का भुगतान करना होगा। बता दें कि अभी तक भारतीय यूजर्स को लेकर ऐसी कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
तेजी से बढ़ रही है सब्सक्रिप्शन प्लान की प्रथा
बीते कुछ महीनों में लगभग हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सब्सक्रिप्शन प्लान की तरह बढ़ रहे हैं।
चाहे डेटा प्राइवेसी नियमों का कारण हो या यूजर्स की बेहतर एक्सपीरियंस की गारंटी देना हो, इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने अपने यूजर्स के लिए कई नए सब्सक्रिप्शन प्लान पेश करना शुरू कर दिया है।
क्या होगा बदलाव
यह नया अपडेट डिजिटल मार्केट अधिनियम के साथ साथ कई नियमों का पालन करने में मदद सकता है।
यह उन नियमों के तहत भी आता है, जो बताता है कि बड़ी तकनीकी कंपनियों को यूरोप में क्या करना और क्या नहीं करना है। इस नियम में यूजर्स को ट्रैक करने पर बैन भी शामिल है।