सहकारी समितियां सितंबर से जेम पोर्टल की मदद से अपने सामानों का निर्यात कर सकेंगी। केंद्रीय सहकारिता एवं गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को जीईएम पोर्टल के का उद्घाटन करते हुए कहा, इसके पहले चरण में 100 करोड़ रुपये के कारोबार या जमा वाली सहकारी समितियां सरकार के ई-मार्केटप्लेस पोर्टल पर ऑर्डर दे सकेंगी।अब तक ऐसी 589 सहकारी समितियों की पहचान की गई है। इसमें से 300 सहकारी समितियां पहले से ही शामिल हैं।
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उन्होंने बताया कि देश में इस समय 8.5 लाख से ज्यादा सहकारी समितियां हैं। इनके साथ 29 करोड़ लोग जुड़े हैं। ये समितियां अब सरकारी माध्यम से अपनी खरीदी को अंजाम दे सकेंगी। लांच के साथ ही सहकारी समितियों ने 25 करोड़ की खरीद करने का लक्ष्य रखा है। इन समितियों में इफको, कृभको, नेफेड, अमूल और सारस्वत सहकारी बैंक जैसी समितियां खरीद कर सकेंगी।
इसके साथ ही उन्होंने सहकारी समितियों में चुनाव प्रक्रिया में बदलाव करने की भी बात भी कही। उन्होंने कहा कि जेम पोर्टल से ही सेना अनाज, दलहन , तिलहन और मसाले लेती है, परंतु इसके लिए उन्हें केवल एक कंपनी मिलती है। सहकारिता का मौजूदा समय में इसमें कोई योगदान नहीं है। इसलिए सहकारिता समितियों से जेम पोर्टल पर बिक्री के लिए पंजीकरण की अपील करते हैं।
सहकारी समितियों का होगा विकास
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, इस पहल से सहकारी समितियां उत्तरोत्तर विकास की ओर बढ़ेंगी। पिछले 6 साल में ही 2.80 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है। उन्होंने कहा सहकारिता के जुड़ने से सीधे 27 करोड़ और लोग जेम से जुड़कर काम कर सकेंगे। जेम पोर्टल पर अब तक लगभग 61,851 सरकारी खरीदार और लगभग 48.75 लाख विक्रेता और सेवा देने वाले पंजीकृत हैं।