आरोपी मनोज किराने की दुकान पर काम करता है, उसे शराब पीने की लत है जबकि उसकी पत्नी लीलावती महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) क्षेत्र में एक कंपनी में काम करती है। दंपति की चार बेटियां हैं, जिनकी उम्र पांच से 14 वर्ष के बीच है।
मुंबई के डोंबिवली इलाके से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शराबी पिता ने अपनी ही 10 वर्षीय नाबालिग बेटी की कमजोर दिमागी हालत से तंग आकर उसे मौत के घाट उतार दिया। मां की शिकायत पर मानपाड़ा पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर पिता मनोज अग्रहरि को गिरफ्तार कर लिया है।
मानसिक रूप से कमजोर बच्ची से खफा था पिता
मिली जानकारी के अनुसार मनोज अग्रहरि का परिवार मानपाड़ा थाना क्षेत्र के अधीन मानगांव में रहता है। परिवार की आर्थिक परिस्थिति कुछ ठीक नहीं है। आरोपी मनोज किराने की दुकान पर काम करता है, उसे शराब पीने की लत है जबकि उसकी पत्नी लीलावती महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) क्षेत्र में एक कंपनी में काम करती है। दंपति की चार बेटियां हैं, जिनकी उम्र पांच से 14 वर्ष के बीच है और सबसे छोटी बेटी पैतृक गांव में अपने दादा-दादी के साथ रहती है। इनमें से एक बच्ची लवली मानसिक रूप से कमजोर थी और बोलने तथा सुनने में भी अक्षम थी। मनोज हमेशा इस बात से खफा रहता था। "मंदबुद्धि लड़की का कोई उपयोग नहीं, इसे तो मरना ही चाहिए" शराब के नशे मनोज अक्सर इस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया करता था।
गला दबाकर की बच्ची की हत्या
रविवार की शाम हमेशा की तरह मनोज शराब के नशे में घर लौटा। नाबालिग मंदबुद्धि बच्ची को अकेला पाकर उसने गला दबाकर बड़ी बेरहमी से उसकी हत्या कर दी। हत्या को अंजाम देने के बाद वह उस कंपनी में गया जहां पत्नी काम करती है। अन्य कामगारों के जरिए मनोज ने पत्नी को यह संदेश भेजवाया कि घर में मंदबुद्धि बच्ची की मौत हो गई है। घर पहुंचकर लीलावती ने देखा कि बच्ची मृत अवस्था में पड़ी है। जिसके बाद लीलावती ने मनोज अग्रहरि के खिलाफ हत्या की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत मिलते ही मानपाड़ा पुलिस ने मनोज को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है।