फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने आज सरकार से एंट्री-लेवल दोपहिया वाहनों पर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) दर को घटाकर 18 प्रतिशत करने की अपील की है। एफएडीए का कहना है कि कोविड 19 की महामारी के बाद से अभी तक यह सेगमेंट उबर नहीं पाया है इसलिए इस सेगमेंट की टू-व्हीलर्स पर जीएसटी घटाई जाए। पढ़िए क्या है पूरी खबर।
ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा
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देश का मध्यम वर्ग परिवार जो अपना एक दोपहिया वाहन खरीदना चाहता है उसके लिए थोड़ी राहत की खबर सामने आई है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने आज सरकार से एंट्री-लेवल दोपहिया वाहनों पर जीएसटी दरों को घटाकर 18 प्रतिशत करने की मांग की है।
एंट्री-लेवल दोपहिया वाहनों पर अब तक कोविड का प्रभाव
एफएडीए ने यह तर्क दिया कि कोविड-19 महामारी के बाद से अभी तक एंट्री-लेवल दोपहिया वाहनों की बिक्री नहीं बढ़ पाई है और इसलिए अभी तक यह सेगमेंट महामारी के प्रभाव से उबर नहीं पाया है।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अब तक, प्रवेश स्तर के दोपहिया वाहनों की बिक्री में लगभग 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एफएडीए ने कहा कि इस सेगमेंट में अभी तक मजबूत वृद्धि नहीं देखी गई है।
अभी कितने प्रतिशत लगता है जीएसटी
आपको बता दें कि वर्तमान में एंट्री-लेवल दोपहिया वाहनों पर 28 प्रतिशत का जीएसटी लगता है जिसके अब घटाकर 18 प्रतिशत करने की मांग की जा रही है। एंट्री-लेवल दोपहिया वाहन 100cc और 125cc सेगमेंट के होते हैं।
क्या कहते हैं आंकड़े?
एफएडीए के आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त के दौरान दोपहिया वाहनों की बिक्री 62,35,642 यूनिट की तुलना में 4.49 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 65,15,914 यूनिट रही।
एफएडीए के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अगस्त अवधि में सभी श्रेणियों में कुल वाहन बिक्री 91,97,045 यूनिट रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 86,15,337 यूनिट थी, जो 6.75 प्रतिशत की वृद्धि है।क्या है एफएडीए?
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) का गठन 1964 में किया गया था। यह भारत में ऑटोमोबाइल रिटेल उद्योग का शीर्ष राष्ट्रीय निकाय है जो 2/3 व्हीलर, यात्री कारों, यूवी, वाणिज्यिक वाहनों (बसों और ट्रकों सहित) और ट्रैक्टर की बिक्री, सेवा और स्पेयर में लगा हुआ है।
एफएडीए की वेबसाइट के मुताबिक एफएडीए इंडिया 26,500 डीलरशिप वाले 15,000 से अधिक ऑटोमोबाइल डीलरों का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें क्षेत्रीय, राज्य और शहर स्तर पर ऑटोमोबाइल डीलरों के कई संघ शामिल हैं जो संपूर्ण ऑटो रिटेल उद्योग का प्रतिनिधित्व करते हैं।