Karnataka Politics कर्नाटक में चुनाव होने के बाद भी राजनीति चरम पर हैं। अब भाजपा में टूट (Karnataka BJP Split) के आसार दिख रहे हैं। 'ऑपरेशन हस्त' की चर्चा के बीच, कर्नाटक के कुछ भाजपा विधायक यह संकेत दे रहे हैं कि वो अपनी 'मातृ पार्टी' में वापस जाने के इच्छुक हैं।
भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री एसटी सोमशेखर ने जैसे ही मुख्यमंत्री सिद्दरमैया से मुलाकात की, चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
भाजपा विधायक ने सीएम से की मुलाकात
बेंगलुरु के यशवंतपुर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक सोमशेखर ने सीएम सिद्दरमैया से मुलाकात की है। हालांकि, उन्होंने कहा कि उनकी मुलाकात अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास पर चर्चा के लिए हुई थी।
शिवकुमार की कर चुके प्रशंसा
सोमशेखर ने कहा कि बैठक सर एम विश्वेश्वरैया लेआउट में एक नागरिक सुविधा भूखंड पर एक प्रसूति अस्पताल और केंगेरी सैटेलाइट टाउन के लिए एक फ्लाईओवर की आवश्यकता के संबंध में थी। सोमशेखर हाल के दिनों में कांग्रेस नेताओं से मिलते रहे हैं और उन्होंने शिवकुमार की अपने 'राजनीतिक गुरु' के रूप में प्रशंसा भी कीथी।
इस बीच, एक अन्य घटनाक्रम में, जद (एस) नेता अयानूर मंजूनाथ ने रविवार को उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्य प्रमुख डीके शिवकुमार से मुलाकात की।
'ऑपरेशन हस्त' की चर्चाएं तेज
मंजूनाथ के साथ अपनी मुलाकात पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, शिवकुमार ने कहा कि कई लोग उनसे मिलते हैं और वह इसके पीछे का कारण नहीं बता सकते। इस बीच कांग्रेस के हाथ के निशान को संदर्भित करने वाले 'ऑपरेशन हस्त' शब्द को भी महत्व मिल गया है, क्योंकि इसे भाजपा नेताओं और विधायकों को कांग्रेस के पाले में लाने का अभियान माना जाता है।
'ऑपरेशन हस्त' को 2019 में भाजपा के 'ऑपरेशन लोटस' का प्रतिशोध माना जाता है, जब 17 कांग्रेस और जद (एस) विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। 'ऑपरेशन लोटस' के परिणामस्वरूप कांग्रेस और जद (एस) की अल्पकालिक गठबंधन सरकार गिर गई थी।
भाजपा असंतुष्टों को मनाने में जुटी
ऐसी अफवाहों के बीच कि कई भाजपा विधायक और नेता कांग्रेस नेताओं के संपर्क में हैं, भाजपा ने अपने दल को एकजुट रखने की कवायद शुरू कर दी है और अपने असंतुष्ट विधायकों को मनाने की कोशिश कर रही है।