*मदरसा इस्लामिया कमाल हुसैन के पहले हाफिज-ए-कुरआन हुए मोहम्मद अशहद*

गोरखपुर। मदरसा इस्लामिया कमाल हुसैन मोहल्ला रुद्रपुर गोरखपुर में जलसा-ए-दस्तारबंदी का कार्यक्रम का हुआ आयोजन। 

 हाफिज असद जमाली और मां जाहेदा खातून के 13 साल के पुत्र मो. अशहद को सनद देकर बांधी गई दस्तार।

जलसा -ए- दस्तारबंदी कार्यक्रम की सदारत मौलाना उबैदुल्लाह कासमी और संचालन हाफिज मोहम्मद असजद ने किया जलसे की शुरुआत कुरान ए पाक की तिलावत से किया गया 

और कारी फखरुल इस्लाम ने नाते रसूल पढ़ कर खूब वाह वाही हासिल की मौलाना कलीम उल्लाह कासमी ने कुरान की अहमियत को बयान करते हुए कहा कि हमें दीन और दुनिया मैं कामयाबी कुरान से जुड़ने में है कुरान हमें भलाई एक दूसरे से मोहब्बत और अमन का पैगाम देती है।

कार्यक्रम के दौरान मौलाना इफ्तिखार अहसान कासमी ने अपने बयान में कहा कि अल्लाह पाक ने कुरान की हिफाजत की जिम्मेदारी खुद ली है हम देखते हैं कि कुरान इन छोटे-छोटे बच्चों के दिलों में महफूज होती चली जा रही है और हमारे छोटे बच्चे हाफिज ए कुरान होते चले जा रहे हैं। हम नन्ही सी उम्र में हाफिज ए कुरान का रुतबा हासिल करने वाले असहद को मुबारकबाद देते हैं।

दस्तारबंदी के मौके पर मोहम्मद अशहद मैं अपना आखिरी सबक उलेमा किराम और प्रोग्राम में आए हुए लोगों को सुनाया उसके बाद लोगों ने मुल्क व समाज में अमन-चैन के लिए दुआएं की।

मोहम्मद अशहद को तोहफे और दुआओं से नवाजा गया।

दस्तारबंदी वा जलसा प्रोग्राम में मुख्य रूप से हाजी तारिक हुसैन, उजैर अहमद, हाफिज मोहम्मद असद, हाफिज अरशद, मौलाना वकार, मौलाना मुदस्सिर हुसैन कासमी, मौलाना ओबाद, हाफिज करीमुल्ला, हाफिज दानिश, हाफिज मोअज्जम, फरहान काजमी, मौलाना नसरुल्ला कासमी, मौलाना यासिर, आसिफ नदवी, मौलाना अब्दुल रहमान, सलाउद्दीन, नासिर, समेत तमाम लोग मौजूद रहे।