31 जुलाई को धार्मिक यात्रा में पथराव और गोली चलाने वालों की गिरफ्तारी में लगी एसटीएफ ने चार आरोपितों की लोकेशन अलवर अस्पताल के आसपास मिलने पर करीब दस मकान और चार शोरूम की जांच की। दोपहर 12 बजे से शाम छह बजे तक कई बंद पड़ी इमारतों को खुलवाकर जांच की गई, मगर कोई आरोपित नहीं मिला
एक आरोपित इरफान शाम को अलवर अस्पताल से कुछ दूरी पर स्थित मलिक अस्पताल में बच्चे की दवा लेने आया था। एसटीएफ को देख वहीं छिपा था लेकिन वह बच नही सका।
अन्य आरोपित मकान तथा शोरूम तथा पीछे बने गोदामों में पीछे से रास्ते बने होने के चलते यह माना जा रहा है कि एसटीएफ के धावा बोलते ही निकल गए। हालांकि, उनका लोकेशन पांच सौ मीटर के दायरे में ही मिल रहा रहा था। मोबाइल बीच में खोले जा रहे थे और बंद भी कर लिए जाते थे।
19 आरोपित आठ जुलाई तक पुलिस रिमांड पर
यह भी इनपुट मिला है चारों के पास अवैध हथियार भी हैं। आरोपित इरफान खान, राशिद खान, उमेद और अख्तर मोहम्मद की खेड़ला चौक पर हुए दंगे में मुख्य भूमिका मानी जा रही है। यह सभी साजिश रचने में शामिल बताए जाते हैं। पुलिस इस मामले में सोमवार तक 157 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। 19 आरोपित आठ जुलाई तक के लिए पुलिस रिमांड पर हैं।
रिमांड पर लिए गए आरोपितों चारों की भूमिका के बारे में बताया था। जिसके बाद एसटीएफ आरोपितों को पकड़ने में लगी है। रात को सूचना मिली की चारों गांव से सटी अरावली पहाड़ी के ऊपर हैं। सुबह 11 बजे के बाद से सभी की लोकेशन अलवर अस्पताल के पास मिलने लगी।
अलवर अस्पताल में की गई तोड़फोड़ के दौरान चारों अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद भी हुए हैं। एसटीएफ की अलग-अलग टीम इलाके में जांच करती रही और पलड़ी गांव के रहने वाले इरफान को शाम को दबोच लिया गया। एसपी नरेंद्र बिजारणिया ने कहा कि एसटीएफ और क्राइम ब्रांच बाकी की तलाश कर रही है