नई दिल्ली: मणिपुर हिंसा पर चर्चा कराने को लेकर संसद में सरकार और विपक्ष के बीच जारी टकराव लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुरू होने तक जारी रहना लगभग तय हो गया है। राज्यसभा में गतिरोध तोड़ने के लिए गुरुवार को सरकार ने विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए से बातचीत की पहल की, मगर इसका कोई नतीजा नहीं निकला।

विपक्ष ने मणिपुर पर चर्चा नहीं कराए जाने के विरोध में सदन का बहिष्कार किया। वहीं लोकसभा में गुरुवार को दिल्ली से जुड़े विधेयक पर चर्चा के चलते विपक्ष ने इस मुद्दे पर अपने विरोध को तात्कालिक विराम दिया। राज्यसभा में सुबह कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने नियम 267 के तहत मणिपुर पर चर्चा कराने की मांग जोर-शोर से उठाई। लेकिन सभापति जगदीप धनखड़ ने इसकी अनुमति नहीं दी। वहीं सरकार ने साफ किया कि वह केवल नियम 176 के तहत अल्पकालिक चर्चा के लिए तैयार है।

सभापति की बैठक में विपक्ष शामिल नहीं

सदन में जारी हंगामे-गतिरोध को तोड़ने के लिए सभापति ने सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई, मगर विपक्षी खेमा इसमें शामिल नहीं हुआ। तब सभापति ने राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राकांपा (शरद पवार गुट) अध्यक्ष शरद पवार को अपने कक्ष में बातचीत के लिए बुलाया। इसी दौरान सरकार की ओर से राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल और संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी ने खरगे और पवार से बातचीत की।

सरकार की ओर से यह पेशकश की गई कि अल्पकालिक चर्चा का जवाब गृह मंत्री अमित शाह देंगे। मगर विपक्ष की ओर से साफ कहा गया कि नियम 267 के तहत चर्चा और सदन में प्रधानमंत्री के बयान की मांग से आइएनडीआइए कोई समझौता नहीं कर सकता।

अपने रुखों पर टिके पक्ष-विपक्ष

सरकार और विपक्ष के अपने अपने रुख पर टिके रहने के कारण इस चर्चा में कोई नतीजा नहीं निकला। इसीलिए दोपहर बाद सदन शुरू हुआ तो विपक्ष ने फिर हंगामा किया और उपसभापति हरिवंश ने जब विधेयक पर चर्चा शुरू कराई तब विरोध में आइएनडीआइए के दलों ने सदन से वाकआउट किया। वहीं लोकसभा में सुबह मणिपुर पर तत्काल चर्चा कराने की मांग को लेकर भारी शोर-शराब हुआ और सदन दो बजे तक के लिए स्थगित हो गया।

दो बजे सदन दोबारा शुरू हुआ तो कार्यसूची में दिल्ली की सेवाओं से जुड़े अध्यादेश की जगह लाए गए विधेयक पर चर्चा शुरू हो गई। चूंकि विपक्ष इस विधेयक का विरोध करते हुए संसद में अपनी बात रखना चाहता था, इसलिए गतिरोध पर तात्कालिक विराम लग गया और सदन सुचारु ढंग से चला।

मुझे बचाव करने की जरूरत नहीं: धनखड़

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का बचाव करने का आरोप लगाने के लिए कांग्रेस को जमकर फटकार लगाई। कहा कि उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति का बचाव करने की जरूरत नहीं है, जिन्हें वैश्विक मान्यता मिली हुई है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने धनखड़ से कहा था कि आप प्रधानमंत्री का इतना बचाव क्यों करते हैं? यह बात मुझे समझ में नहीं आती है।