सोमवार को नूंह में निकली हिंदू संगठनों की धार्मिक यात्रा के दौरान हिंसा फैलाने के लिए उपद्रवियों ने पथराव करने का प्लान पहले से ही बना रखा थायोजना के तहत ही खेड़ला चौक के पास स्थित मकानों तथा दुकानों के साथ-साथ नल्हड़ स्थित शिव मंदिर के पास अरावली पहाड़ी के एक सिरे पर पत्थर एकत्र कर रखे थे। दो दिन पहले ही डंपर में लादकर पत्थर चौक के पास लाए गए थे।

यह पहला मौका था जब धार्मिक यात्रा के दौरान यहां पथराव किया गया। दिल्ली की जहांगीर पुरी में हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर निकली धार्मिक यात्रा में विशेष धर्म के युवकों द्वारा छतों से पथराव किया था। उसी अंदाज में यहां पर भी किया गया। इसके पहले यहां पर आमजन पर पथराव नहीं किया गया, मगर गांवों में एक दूसरे समुदाय से हुई लड़ाई होने पर पथराव होने की घटना हुई थी।

छह माह पहले गांव खेड़ा खलीलपुर में एक हिंदू परिवार पर बच्चों के बीच झगड़ा होने पर दूसरे समुदाय के लोगों ने पथराव किया था। जिसमें कई लोग घायल हो गए थे। गांव सिंगार में दो गोतस्कर पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाशों के स्वजन ने पथराव कर कई पुलिस कर्मियों को घायल कर दिया था।

झिमरावट और नांगल मुबारिक पुर में इसी तरह की घटना हुई थी। इसी तरह छह माह पहले गांव नाई में भी मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले युवक को दबोचने पहुंची पुलिस टीम पर बच्चों और महिलाओं ने छत से पथराव किया था। कई घटना ऐसी हुई गोतस्करों का पीछा कर रही पुलिस टीम पर पत्थर चलाए गए।

सिंगार में बड़ा हमला करने की रची जा रही थी साजिश

हिंसक घटना की साजिश रचने वाले लोग खेड़ला चौक पर हुई हिंसा से संतुष्ट नहीं थी। कई ग्रुपों पर आडियो मैसेज प्रसारित किया गया। जिसमें कहा गया कि तुम लोग चंद लोगों को मौत की नींद नहीं सुला सके। कम से कम पचास लाश बिछानी चाहिए। सजा एक को भी मारने से होगी पंद्रह को भी। अभी मौका है सिंगार में जाकर इन्हें घेर कर मौत के घाट उतार दो। इस ऑडियो संदेश की पुलिस जांच कर रही है।

बता दें कि नूंह के नल्हड़ मंदिर से यात्रा गांव सिंगार में जानी थी। मैसेज जारी करने वालों की मंशा थी कि खून-खराबा अधिक होना चाहिए। पुलिस की जांच में यह ऑडियो एक गोतस्कर की ओर से जारी किया गया। उसका नाम बताए बिना ही पुलिस उसे दबोचने की तैयारी कर रही है।

सीआइडी ने पथराव को लेकर दिया था प्रशासन को इनपुट

प्रशासनिक अधिकारी भले ही बचाव के लिए अब कुछ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन सीआइडी की ओर से दस दिन पहले ही यह सूचना आ गई थी कि धार्मिक यात्रा पर पथराव होगा। इसकी तैयारी हिंसा फैलाने वालों ने पहले से ही कर ली थी।

यहां तक भी जानकारी दी गई थी जिस मार्ग से यात्रा गुजरेगी वहां के समीपवर्ती धर्म विशेष के कई मकानों में पत्थर जमा किए जा रहे हैं। एक सीआइडी अधिकारी ने कहा कि हमला होने की जानकारी प्रशासन को दी गई थी उसके बाद भी पूरी तैयारी नहीं की गई।

प्रशासनिक अधिकारी अगर हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठे रहते और सजगता दिखाते तो पत्थर लगने से यात्रा में शामिल लोगों की जान नहीं जाती। उत्पाती लोगों ने एक बस के अंदर भी पत्थर जमा कर रहे थे। गुरुग्राम से आई पुलिस टीम पर पहले उसी बस के अंदर से पत्थर मारे गए थे। जिससे गुरुग्राम पुलिस के दो होमगार्ड की जान चली गई।

बच्चे बने पत्थरबाज, आयोग ने मांगी रिपोर्ट

धार्मिक यात्रा पर युवकों के साथ-साथ बच्चे भी पत्थर चलाते नजर आए। उनके घर वालों ने बच्चों को पत्थर चलाने से रोका भी नहीं। इसे राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने गंभीरता से लिया है।

आयोग ने चिंता जताते हुए प्रदेश सरकार से जांच करा रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने कहा है कि पत्थर चलाने वाले बच्चों की पहचान करनी चाहिए। बच्चों को संरक्षित करने के लिए बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर उनकी काउंसलिंग की जानी चाहिए