नई दिल्ली,  बड़े पैमाने पर धन बचाने के उद्देश्य से सैन्य मामलों का विभाग (डीएमए) ऐसी व्यवस्था बनाने की दिशा में काम कर रहा है जिसमें साझा हथियार प्रणालियों और राफेल व अपाचे जैसे साझा प्लेटफार्मों का रखरखाव सेनाएं संयुक्त रूप से करेंगी।

हितधारकों के बीच हो चुका है विचार-विमर्श

रक्षा अधिकारियों ने बताया कि थियेटर कमानों के तहत संयुक्त युद्धक संरचनाओं को बनाने की दिशा में काम करके डीएमए पहले ही हथियार प्रणालियों की संयुक्त खरीद शुरू कर चुका है और अब विभाग हथियार प्लेटफार्मों के संयुक्त रखरखाव पर विचार कर रहा है। इस मामले में सेना के तीनों अंगों और एकीकृत रक्षा कर्मचारियों के विभिन्न हितधारकों के बीच कई बार विचार-विमर्श हो चुका है।

 संयुक्त रूप से किया जाएगा रखरखाव

अधिकारियों ने कहा कि अगर हम आज के दौर को देखें तो चीता और चेतक समेत हल्के हेलीकाप्टरों का संचालन सेना के तीनों अंगों द्वारा किया जा रहा है और अगर उनका संयुक्त रूप से रखरखाव किया जाएगा तो बचत की जा सकती है। डोर्नियर विमान एक और उदाहरण हैं जिन्हें वायुसेना, नौसेना और तटरक्षक बल तीनों इस्तेमाल करते हैं, अगर उनका भी रखरखाव संयुक्त रूप से किया जाएगा तो बचत के साथ-साथ उनका सेवाकाल भी बढ़ सकता है।

अपेक्षाकृत नए विमानों के बेड़े का रखरखाव संयुक्त रूप से किया जाएगा क्योंकि थलसेना के लिए अमेरिका से आ रहे अपाचे हेलीकाप्टरों का रखरखाव वायुसेना के इन हेलीकाप्टरों के वर्तमान बेड़े के साथ किया जाएगा।

नौसेना ने राफेल विमान खरीदने का किया फैसला

सेना ने प्रशिक्षण के लिए अपने कर्मियों को पहले ही इन हेलीकाप्टरों का संचालन कर रही वायुसेना की यूनिटों में तैनात कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि नौसेना ने राफेल विमान खरीदने का फैसला किया है, वायुसेना पहले से इन विमानों को उड़ा रही है। इनके संयुक्त रखरखाव से उनके अतरिक्त कलपुर्जों व अन्य उपकरणों के प्रबंधन में सुधार हो सकेगा।