नई दिल्ली। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अमल को तीन साल पूरा होने के मौके पर शिक्षा मंत्रालय दो दिवसीय अखिल भारतीय शिक्षा समागम का आयोजन करने जा रहा है। 29 और 30 जुलाई को नई दिल्ली के प्रगति मैदान पर आयोजित समागम का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे।
शिक्षाविदों को किया गया आमंत्रित
इस दौरान शिक्षा नीति से जुड़ी सिफारिशों के अमल को लेकर अब तक उठाए गए कदमों पर चर्चा की जाएगी। कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए देशभर के शीर्ष उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों सहित करीब तीन हजार शिक्षाविदों को आमंत्रित किया गया है।
इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अखिल भारतीय शिक्षा समागम का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक हूं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने इस क्षेत्र को बदल दिया है और नवाचार और अनुसंधान को प्रोत्साहित किया है। इसका लाभ आने वाली पीढ़ियों तक के युवाओं को मिलेगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने समागम को लेकर उत्साह जताते हुए कहा,
शिक्षा का यह महाकुंभ भारत को नॉलेज इकोनॉमी बनाएगा। शिक्षा मंत्रालय ने तीन सालों में नीति से जुड़ी करीब 80 फीसद सिफारिशों पर आगे बढ़ने का दावा किया है। सरकार ने नीति के अमल को 29 जुलाई 2020 को मंजूरी दी थी।
सिफारिशों को मिली मंजूरी
इस दौरान मंत्रालय ने नीति से जुड़ी जिन बड़ी और प्रमुख सिफारिशों को मंजूरी दी है, उनमें पीएमश्री स्कूल का गठन, परीक्षाओं के पैटर्न में बदलाव के लिए परख जैसी एजेंसी का गठन, चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की शुरुआत, पूरी शिक्षा व्यवस्था में एंट्री और एक्जिट होने जैसी व्यवस्था का गठन, चार वर्षीय स्नातक कोर्सों की शुरुआत, शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण के साथ ही शीर्ष विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के कैंपस देश में खोलने और शीर्ष भारतीय संस्थानों को विदेशों में कैंपस खोलने की अनुमति देने जैसे प्रमुख कदम शामिल है।
मंत्रालय के मुताबिक,
दो दिवसीय समागम में नीति से जुड़े अलग-अलग पहलुओं को लेकर दर्जनभर से ज्यादा सत्रों को आयोजन किया जाएगा। इस दौरान नीति के अमल से जुड़ी पहलों को भी सबके सामने प्रदर्शित किया जाएगा।