चेन्नई, भारत जैव विविधता के संरक्षण, सुरक्षा, पुनरुद्धार और उसे बढ़ावा देने के उपायों पर लगातार कार्य कर रहा है। इसके लिए उच्च मानदंड और लक्ष्य तय किए गए हैं जिससे जैव विविधता के सतत विकास की प्रक्रिया जारी रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह बात शुक्रवार को जी-20 देशों के पर्यावरण मामलों के मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए कही।
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PM मोदी ने क्या कुछ कहा?
मोदी ने बैठक में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये विचार रखे। इस तीन दिवसीय बैठक में कुल 35 देशों के मंत्रियों या उच्च अधिकारियों ने हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री ने कहा,
उन्हें यह बात कहने में गर्व की अनुभूति हो रही है कि भारत जैव विविधता विकास के लक्ष्यों को राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान के जरिये प्राप्त कर रहा है। भारत ने पेट्रोल-डीजल के बगैर आवश्यक विद्युत उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है। यह लक्ष्य प्राप्ति पेरिस समझौते में निर्धारित 2030 के लक्ष्य से नौ वर्ष पहले हुई है।
उन्होंने कहा कि अब हम 2030 के लिए निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा के मानदंड निश्चित कर उनकी प्राप्ति के लिए कार्य कर रहे हैं। भारत इस समय गैर परंपरागत ऊर्जा स्त्रोत विकसित करने में विश्व के पांच अग्रणी देशों में शामिल है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
भारत 2070 तक हानिकारक गैसों का उत्सर्जन शून्य करने के लक्ष्य पर कार्य कर रहा है और उन्हें विश्वास है कि देश इससे पहले ही इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा। भारत जैसे 140 करोड़ की जनसंख्या वाले देश के लिए यह बहुत बड़ी बात है।
'बहुत से मामलों में विविधता वाला देश है भारत'
मोदी ने कहा कि भारत बहुत से मामलों में विविधता वाला देश है। यह जैव विविधता के विकास के साथ ही भू उपयोग के बेहतर इस्तेमाल की रूपरेखा भी तैयार कर रहा है। वन क्षेत्र में लगने वाली आग और खनन को रोकने के लक्ष्यों पर भी कार्य कर रहा है। इसके लिए गांधीनगर इंप्लीमेन्टेशन रोडमैप एंड प्लेटफार्म कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत ने हाल ही में इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस लॉन्च किया है। इसके तहत पूरे विश्व में पाए जाने वाले सात बड़े मांसाहारी जानवरों का संरक्षण किया जा रहा है। यह भारत में चलने वाले प्रोजेक्ट टाइगर से आगे का लक्ष्य है। भारत में दशकों से चल रहे प्रोजेक्ट टाइगर का ही नतीजा है कि विश्व के 70 प्रतिशत टाइगर केवल भारत में हैं।
'प्रोजेक्ट लायन और प्रोजेक्ट डाल्फिन पर चल रहा काम'
प्रधानमंत्री ने कहा,
भारत प्रोजेक्ट लायन और प्रोजेक्ट डाल्फिन पर भी कार्य कर रहा है। यह सारा कार्य आमजनों की भागीदारी से हो रहा है। इसमें सरकार की भूमिका सीमित है। जन सहयोग से भारत में मिशन अमृत सरोवर परियोजना भी चल रही है। इसके तहत केवल एक वर्ष में 63 हजार से ज्यादा जल स्त्रोतों का पुनरुद्धार किया गया है।