नई दिल्ली : मणिपुर में जारी हिंसा पर चर्चा कराने को लेकर संसद के बाहर और भीतर सरकार तथा विपक्ष के बीच जारी संग्राम के चलते लगातार तीसरे दिन संसद की कार्यवाही नहीं चल पायी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने चर्चा के लिए सरकार के तैयार होने की सदन में घोषणा कर गतिरोध तोड़ने के लिए सत्ता पक्ष की पहल का संदेश दिया। मगर प्रधानमंत्री के सदन में बयान के बाद विशिष्ट नियमों के तहत चर्चा की मांग पर कायम विपक्ष को यह पेशकश मंजूर नहीं हुई।

गृहमंत्री ने विपक्ष पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया। वहीं मणिपुर पर सरकार की चर्चा की पेशकश को प्रतीकात्मक मानते हुए विपक्षी गठबंधन ने दोनों सदनों में हंगामा-नारेबाजी की। इसके चलते राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को सभापति जगदीप धनखड़ ने पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया। इस निलंबन को अलोकतांत्रिक बताते हुए विपक्ष ने सदन के नेताओं की सभापति द्वारा बुलाई गई बैठक का बहिष्कार भी किया।

मणिपुर मुद्दे की सच्चाई देश के सामने आना जरूरी : अमित शाह

सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में संक्षिप्त टिप्पणी के दौरान कहा, ''मैं मणिपुर की स्थिति पर लोकसभा में चर्चा का इच्छुक हूं लेकिन पता नहीं विपक्ष ऐसा क्यों नहीं चाहता।'' उनका यह भी कहना था कि विपक्षी नेताओं को सदन में बहस करनी चाहिए क्योंकि मणिपुर मुद्दे की सच्चाई देश के सामने आना जरूरी है। विपक्ष ने गृहमंत्री की इस पेशकश को ठुकरा दिया और हंगामे के बीच लोकसभा पूरे दिन के लिए स्थगित हो गई।

प्रधानमंत्री के बयान पर अड़ा विपक्ष

इससे पूर्व सुबह में स्पीकर ओम बिरला और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी उत्तेजित विपक्षी सदस्यों को अल्पकालिक चर्चा के लिए राजी होने का प्रस्ताव दिया मगर विपक्ष ने इसे खारिज कर दिया। राजनाथ सिंह ने गतिरोध खत्म करने के लिए सुबह में राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी बात की लेकिन हल नहीं निकला।

विपक्ष पहले प्रधानमंत्री के सदन में बयान देने और फिर लोकसभा में नियम 184 तो राज्यसभा में नियम 267 के तहत चर्चा की मांग पर अड़ा हुआ है। इन नियमों के तहत दोनों सदनों में लंबी चर्चा के बाद वोटिंग का भी प्रावधान है। जबकि सरकार लोकसभा में नियम 193 और राज्यसभा में नियम 176 के तहत अल्पकालिक चर्चा के लिए तैयार है।

पीएम ने किया संसद का अपमान : खरगे

खरगे ने कहा पीएम मोदी ने मणिपुर मुद्दे पर सदन के अंदर नहीं बाहर बोलने का विकल्प चुनकर संसद का अपमान किया है और यह गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि जब सत्र चल रहा हो तो प्रधानमंत्री को सदन में बोलना चाहिए। राज्यसभा में आप सांसद संजय सिंह आक्रामक होकर वेल में आ गए। सभापति धनखड़ ने उन्हें चेतावनी दी और इसी बीच राज्यसभा में सदन के नेता वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने सरकार की ओर से संजय सिंह को समूचे मानसून सत्र की कार्यवाही से निलंबन का प्रस्ताव पेश कर दिया। सभापति ने भी तत्काल इसे सत्तापक्ष के वायस वोट से पारित करा सिंह को निलंबित कर सदन स्थगित कर दिया। हालांकि संजय सिंह सदन से नहीं निकले और आखिरकार तीन बजे राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित हुई तो बाहर आकर अपने निलंबन को संसद में विपक्ष की आवाज दबाने का प्रमाण करार दिया।