अहमदाबाद में बुधवार की रात इतिहास में अहम बन गई है.  जिस वक्त लोग गहरी नींद का आनंद ले रहे थे, उस वक्त्त इस्कॉन ब्रिज कुछ ही मिनटों में लाशों के ढेर में तब्दील हो गया.  इस्कॉन ब्रिज पर टहलने निकले युवक चिल्ला रहे थे।  लेकिन दूसरे ही मिनट में एक अमीर नबीरा ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी कि उसकी कार से 9 लोगोको अपनी जान गवानी पडी,  हादसे में परिजनों की बात सुनकर हर किसी का कलेजा कांप उठा। ब्रीज पे 200 मीटर तक लाशें बिखरी पड़ी थीं.  यह कोई कल्पना नहीं है, ये वो दृश्य हैं जो मौजुद लोगोने अपनी आंखोसे देखी है,  पुलिस मौजूद लोगों से कह रही थी कि इनमें से कुछ भी तुम्हारा नहीं है और तभी एक पिता ने अपने जवान बेटे को मृत पाया और पिता के करुण आहट से हर किसी का दिल पिघल गया।

प्राप्त अहेवाल के मुताबिक शहर के इस्कॉन ब्रिज से गुजरते वक्त एक महिंद्रा थार कार डंपर के पीछे जा घुसी।  इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.  देर रात हुए इस हादसे से पुल पर दिल दहला देने वाली घटना घटी.  लेकिन बाद में जब लोग ये हादसा देख रहे थे तो एक गंभीर हादसा हो गया.  उस वक्त कर्णावती क्लब की ओर से आ रही जगुआर कार 160 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से दौड़ रही थी.  हादसा देख रही भीड़ पर कार घुस जाने से कांस्टेबल धर्मेंद्र सिंह और होम गार्ड समेत 9 लोगों की मौत हो गई है.  जबकि असंख्य लोग घायल हो गए हैं.  इस घटना में मरने वाले लोगों को सोला सिविल अस्पताल पोर्समेटम के लिए लेजाया गया, ये हादसा अहमदाबाद के सबसे बड़े हादसों में से एक है. राजपथ क्लब की ओर से आ रही एक कार ने लोगों को टक्कर मार दी.  इस हादसे में सड़क पर खूनके गड्ढे भर गये थे  हादसा इतना भीषण था कि लोग 25 गुणा 30 फीट दूर जा गिरे, जैसा कि फिल्म में देखा जा सकता है, इस्कॉन ब्रिज पर हुए हादसे में एसजी 2 ट्रैफिक पीआई वीबी देसाई शिकायतकर्ता बन गए हैं।  उस वक्त आईपीसी की धारा 304, 279, 337, 338, एमवी एक्ट 177, 184 के अलावा हत्या की धारा 304 और 279 दोहरे दायित्व के तहत अपराध दर्ज किया गया है.  इसके अलावा ओवर स्पीड में कार चलाने पर 184 का अपराध दर्ज किया जाता है।  लोगों की जान से छेड़छाड़ करने और जान से मारने की धारा 377, 338 के तहत अपराध दर्ज किया गया है.