नई दिल्ली,  व्यस्ततम रूटों पर जन साधारण की सहज यात्रा के लिए रेल मंत्रालय ने बड़ा निर्णय लिया है। इन रूटों पर नई ट्रेनें चलाई जाएंगी, जिनकी सभी बोगियां जनरल एवं स्लीपर होंगी ताकि निम्न आय वर्ग के लोगों को ज्यादा किराया नहीं देना पड़े। ये ट्रेनें पर्वों-त्योहारों के दौरान चलाई जाने वाली विशेष ट्रेनों से अलग होंगी।

दिल्ली एवं औद्योगिक नगरों के लिए चलेगी ट्रेनें

विभिन्न रूटों पर यात्रियों के बढ़ते नियमित दबाव के अनुसार तय होगा कि किस रूट पर सप्ताह में कब-कब और कितनी नई ट्रेनें संचालित की जाएं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि देश के विभिन्न रेलमार्गों पर रेल यात्रियों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए एक सर्वे के बाद यह निर्णय लिया गया है। सर्वे के मुताबिक बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल, झारखंड, ओडिशा और असम जैसे राज्यों से देश की राजधानी दिल्ली एवं औद्योगिक नगरों की ओर आने-जाने वाले यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

इन राज्यों से दिल्ली के अतिरिक्त मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, सूरत, कोलकाता समेत पंजाब एवं हरियाणा के कई शहरों में जन सामान्य एवं कामकाजी लोगों का आना-जाना ज्यादा होता है। ऐसे में आरक्षण नहीं मिलने और किराये के रूप में अतिरिक्त पैसे देने के चलते उन्हें अक्सर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

वंदे भारत की तर्ज पर होगा नाम 

वंदे भारत एवं अन्य हाईस्पीड एसी ट्रेनों का किराया भी उनकी पहुंच से ज्यादा होता है। इसलिए रेलवे जन सामान्य के लिए नान एसी ट्रेनें चलाने की योजना पर काम कर रहा है। इस संस्करण की ट्रेनों के निर्माण पर भी तेजी से काम चल रहा है। अगले वर्ष से इसे शुरू किया जा सकता है।

जन साधारण के लिए प्रस्तावित इन ट्रेनों का नाम क्या होगा और किस रूट पर कितनी संख्या में चलाई जाएंगी, अभी इस पर विचार किया जा रहा है। वैसे रेलवे सूत्रों का कहना है कि वंदे भारत की तर्ज पर इन ट्रेनों के नाम में भी वंदे शब्द जुड़ा हो सकता है।